इस पृष्ठ पर स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञ और स्वयंसेवक अपने अनुभव के आधार पर इंटरव्यू में ऐसी जानकारी और सुझाव देते हैं जो परिवार वालों के लिए उपयोगी हो सकते हैं:
- डिमेंशिया निदान की प्रक्रिया : डॉ. सुधीर कुमार के साथ एक चार भाग का इंटरव्यू.
- घर पर डिमेंशिया के अग्रिम अवस्था वाले व्यक्ति की देखभाल: जानकारी और सुझाव (डॉ. सौम्या हेगड़े के साथ एक 6 भाग वाला इंटरव्यू).
- “एक्टिव एजिंग” (सक्रीय उम्र वृद्धि) के तरीके अपना कर बेहतर तरह से बढ़ती उम्र का सामान करें और डिमेंशिया का जोखिम भी कम करें:. (2 भाग वाला इंटरव्यू)
- डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को शांत, संतुष्ट, और खुश कैसे रखें: कुछ उपाय एक नर्स द्वारा.
- डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों को सैर के लिए कैसे ले जाते हैं: एक स्वयंसेवक के अनुभव.
- डिमेंशिया डे केयर में देखभाल कैसे होती है: एक समाज सेवक का इंटरव्यू.
डिमेंशिया निदान की प्रक्रिया : डॉ. सुधीर कुमार के साथ एक चार भाग का इंटरव्यू.
एक सही निदान यह जानने के लिए जरूरी है कि किसी व्यक्ति को डिमेंशिया है या नहीं, ताकि फिर उस हिसाब से देखभाल के योजना बनाई जा सके। परन्तु परिवार वाले अकसर समझ नहीं पाते कि डॉक्टर से मिलने के लिए तैयारी कैसे करें, डॉक्टर क्या पूछेंगे, वगैरह। डॉ. सुधीर कुमार एक कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट हैं और उन्हें डिमेंशिया और सीनियर्स के मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में यूके और भारत में विस्तृत अनुभव है। वे इस इंटरव्यू सीरीज में डिमेंशिया निदान की प्रक्रिया समझाते हैं और परिवार वाले इस प्रक्रिया को कैसे संभालें, इस पर कई सुझाव भी देते हैं।
इंटरव्यू सीरीज की शुरुआत भाग 1 में कुछ मूल बातों से होती है, जैसे कि डॉक्टर का चुनाव कैसे करें। इस में कुछ आवश्यक शब्दावली और परिभाषाएं भी हैं। भाग 2 में विस्तार में चर्चा है कि परिवार वाले डॉक्टर से मिलने के लिए कैसे तैयार हों और क्या क्या डाटा एकत्रित करें – जैसे कि डॉक्टर को किस तरह के लक्षणों के बारे में और किस मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताना होगा और फाइल में क्या क्या होना चाहिए। भाग 3 डॉक्टर से मिलने की क्रिया पर केन्द्रित है – डॉक्टर को स्थिति कैसे बताएं, डॉक्टर क्या पूछ सकते हैं, किस तरह के टेस्ट और स्कैन की जरूरत हो सकती है, इत्यादि। अंतिम भाग, भाग 4, में निदान संबंधी किस तरह के स्पष्टीकरण की जरूरत हो सकती है और इसे कैसे प्राप्त करें, इस पर चर्चा है। जैसे कि निदान पर प्रश्न पूछना, दवाओं के समझना और उनके दुष्प्रभाव भी समझना, उपचार और देखभाल संबंधी अन्य पहलू। रिव्यु के लिए कब और कैसे मिलना होगा, इस पहलू पर भी चर्चा है। इंटरव्यू अंग्रेज़ी में हैं। यहाँ पढ़ें:
- The dementia diagnosis process, Part 1: Getting started and selecting a doctor Opens in new window.
- The dementia diagnosis process, Part 2: Preparing for the doctor consultation Opens in new window.
- The dementia diagnosis process, Part 3: Meeting the doctor and getting a diagnosis Opens in new window.
- The dementia diagnosis process, Part 4: Understanding the diagnosis and what comes next Opens in new window.
घर पर डिमेंशिया के अग्रिम अवस्था वाले व्यक्ति की देखभाल: जानकारी और सुझाव (डॉ सौम्या हेगड़े के साथ एक 6 भाग वाला इंटरव्यू).
डिमेंशिया की अग्रिम अवस्था में व्यक्ति लगभग पूरी तरह से दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, और बिस्तर पर या व्हीलचेयर पर ही रहते हैं। मस्तिष्क की क्षमताएं बहुत कम हो जाती हैं, और शारीरिक समस्याएं भी बहुत होने लगती हैं। भारत में इस अवस्था में भी व्यक्ति की देखभाल घर पर परिवार वाले ही करते हैं। इस में कई प्रकार की चुनौतियाँ होती हैं। डॉ. सौम्या हेगड़े (Dr. Soumya Hegde) बैंगलूर में स्थित एक कंसलटेंट जेरिएत्रिक साइकेट्रिस्ट (Consultant Geriatric Psychiatrist, वृद्धों के लिए मनोचिकित्सक) हैं। वे कई सालों से डिमेंशिया देखभाल के क्षेत्र में काम कर रही हैं, और उन्हें डिमेंशिया की हर अवस्था में परिवार वालों को सपोर्ट करने का अनुभव हैं। पेश है एक 6 भाग के इंटरव्यू सीरीज जिस में उन्होंने अग्रिम अवस्था में जरूरी देखभाल के अनेक महत्वपूर्ण पहलूओं पर उपयोगी जानकारी और प्रैक्टिकल सुझाव दिए हैं।
इस इंटरव्यू की श्रंखला के शुरू में देखभाल के लिए कैसे तैयार हों, इस पर चर्चा है। अगले भाग में डॉ. हेगड़े यह बताती हैं कि व्यक्ति को अस्पताल ले जाने में दिक्कत होने के बावजूद परिवार वाले चिकितसकीय सलाह कैसे प्राप्त कर सकते हैं। फिर चर्चा होती है कुछ ऐसे देखभाल के पहलूओं पर जिन्हें हम अक्सर भूल जाते हैं, जैसे कि त्वचा की देखभाल करना, चोट या खरोंच, बेड सोर, कब्ज, कैथेटर का इस्तेमाल करें या नहीं, दांतों की देखभाल, इत्यादि। भाग 5 में एक बहुत ख़ास समस्या पर चर्चा है: जब व्यक्ति को खाना खाने/ निगलने में दिक्कत होने लगती है और उनकी खुराक कम हो जाती है। यह स्थिति परिवार वालों के लिए बहुत चिंताजनक होती है, और इंटरव्यू में डॉ. हेगड़े इस के संभव कारण बताती हैं और सुझाव देती हैं। अंतिम चरण में कई परिवारों को ट्यूब-फीडिंग (खाने की नली का इस्तेमाल) के बारे में सोचना होता है, और इस पर आम जानकारी बहुत कम है, इस लिए इस मुश्किल स्थिति पर भाग 6 में डॉ. हेगड़े इस पर विस्तार से बात करती हैं। ये इंटरव्यू सरल अंग्रेजी में हैं, इन्हें यहाँ देखें:
- Home care for late stage dementia, Part 1: Prepare for home care Opens in new window.
- Home care for late stage dementia, Part 2: Getting medical advice and preparing for decline Opens in new window.
- Home care for late stage dementia, Part 3: Bruising, skin care, exercise, massage, bedsores Opens in new window.
- Home care for late stage dementia, Part 4: Constipation, Catheter use, Dental Care, Improving the Quality of Life Opens in new window.
- Home care for late stage dementia, Part 5: Eating/ swallowing problems Opens in new window.
- Home care for late stage dementia, Part 6: Tube feeding and related decisions Opens in new window.
“एक्टिव एजिंग” (सक्रीय उम्र वृद्धि) के तरीके अपना कर बेहतर तरह से बढ़ती उम्र का सामान करें और डिमेंशिया का जोखिम भी कम करें: रमणी सुन्दरम, न्यूरोसाइंस रिसर्च साइंटिस्ट के साथ दो भाग का इंटरव्यू.
शारीरिक और मानसिक क्षमताएं उम्र के साथ कैसे कम होंगी, इस के बारे में चिंतित होने सामान्य है। डिमेंशिया देखभाल कर्ता इस बात पर भी चिंतित होते हैं कि उन्हें डिमेंशिया हो सकता है। रमणी सुन्दरम, न्यूरोसाइंस रिसर्च साइंटिस्ट, इस दो भाग का इंटरव्यू में बताती हैं कि समस्याओं से बचने के लिए हम क्या कर सकते हैं। रमणी सुन्दरम, नाईटिंगेल्स मेडिकल ट्रस्ट में कार्यरत हैं और हमें नाईटिंगेल्स ट्रस्ट बागची सेंटर, बैंगलोर के ““एक्टिव एजिंग” प्रोग्राम के बारे में बताती हैं। यह एक “होलिस्टिक” प्रोग्राम है जिसका उद्देश्य है जीवनशैली में बदलाव लाना और बुज़ुर्ग के स्वास्थ्य और खुशहाली को निश्चित करना, जिस से उम्र बढ़ने की क्रिया उनके लिए एक सकारात्मक अनुभव हो। प्रोग्राम का फोकस है डिमेंशिया का जोखिम कम करना, और उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद को नियंत्रित रखना, और गिरने से बचाव।
इस इंटरव्यू सीरीज में उपलब्ध जाम्कारी और सुझाव उन लोगों के लिए उपयोगी हैं जो बेहतर तरह से उम्र बढ़ने का सामना करना चाहते हैं। भाग 1 में चर्चा के विषय हैं: प्रोग्राम ,उसका सन्दर्भ और उद्देश्य , लेने वालों का क्या आंकलन होता है, और प्रोग्राम के तीन खण्डों का परिचय ( शारीरिक गतिविधि, मानसिक गतिविधि, और सामाजिक मेलजोल) । पहले भाग, शारीरिक गतिविधि, पर अधिक चर्चा है। इंटरव्यू के दूसरे भाग में प्रोग्राम के मानसिक और सामाजिक खण्डों पर चर्चा है। इस बात पर भी चर्चा है कि जो लोग घर से बाहर नहीं जा सकते (जैसे किदेखभाल कर्ता), वे प्रोग्राम में किस तरह से बदलाव करके उसे अपना सकते हैं। ऐसे लोग जिन्हें हल्की संज्ञानात्मक कठिनाइयाँ हो रही है, या जो इमेंशिया के आरंभिक चरण में है, वे इस प्रोग्राम का कैसे इस्तेमाल करने, किस पर भी कुछ सुझाव हैं। इंटरव्यू अंग्रेजी में हैं: यहाँ देखें:
- Use “Active Ageing” to age better and reduce dementia risk: part 1 Opens in new window.
- Use “Active Ageing” to age better and reduce dementia risk: part 2 Opens in new window.
डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को शांत, संतुष्ट, और खुश कैसे रखें: कुछ उपाय एक नर्स द्वारा.
शीला एक रजिस्टरड नर्स हैं, जो “Aged Care assisted living facilities” (वृद्ध लोगों के लंबे अर्से के लिए रहने वाले घर) में काम कर चुकी हैं। आजकल वे एक ऐसे अस्पताल में काम करती हैं जहाँ डिमेंशिया के रोगियों की देखभाल एक आम बात है। शीला अपने नर्सिंग के काम के दौरान अनेक डिमेंशिया के रोगियों के साथ काम कर चुकी हैं। इस इंटरव्यू में वे अपने अनुभव पर आधारित ऐसे टिप्स बांटती हैं जो घर पर देखभाल करने वाले आसानी से अपना सकते हैं और जिनसे रोगी व्यस्त रहेंगे और उनकी उत्तेजना और बेचैनी भी कम होगी । इंटरव्यू यहाँ पढ़ें: Keeping persons with dementia peaceful and improving their quality of life: practical tips from a nurse Opens in new window.
डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों को सैर के लिए कैसे ले जाते हैं: एक स्वयंसेवक के अनुभव.
डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति रोचक जगहों पर जाने का और सैर करने का मजा उठा सकते हैं, यदि साथ ले जाने वाले लोग सही तरह से सैर का आयोजन करें। सतीश श्रीनिवासन एक डिमेंशिया डे केयर सेंटर में स्वयंसेवक हैं, और डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्तियों को कई जगह सैर के लिए ले जा चुके हैं। उनका कहना है कि सही तरह से सोच कर और आयोजन करके यदि उन्हें बाहर ले जाएँ तो डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति बहुत आनंद उठाते हैं। इस इंटरव्यू में सतीश अपने कुछ अनुभव बांटते हैं। इंटरव्यू यहाँ पढ़ें: Taking patients for outings: a volunteer shares his experience Opens in new window.
डिमेंशिया डे केयर में देखभाल कैसे होती है: एक समाज सेवक का इंटरव्यू.
अधिकांश लोगों को अंदाजा ही नहीं कि डिमेंशिया डे केयर में डिमेंशिया वाले व्यक्ति दिन भर कैसे रहते हैं, क्या करते हैं, वगैरह। जिंसी शीजू बेंगलुरु में एक डिमेंशिया डे केयर में कार्यरत हैं, और वे इस इंटरव्यू में अपने डे केयर का वर्णन करती हैं। वे यह भी बताती हैं कि डे केयर के कर्मचारी किस तरह की समस्याओं का सामना करते हैं, और उनसे कैसे निपटते हैं। इंटरव्यू यहाँ पढ़ें: Care in a dementia day care centre: a social worker explains Opens in new window.
इस पृष्ठ का नवीनतम अँग्रेज़ी संस्करण यहाँ पढ़ें: Tips and advice from health care professionals and volunteers Opens in new window.
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