देखभाल करने वालों के लिए

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) से ग्रस्त व्यक्ति के साथ रहना अन्य बुजुर्गों के साथ रहने से बहुत भिन्न है, क्यूंकि डिमेंशिया के कारण व्यक्ति अलग तरह से बातचीत और व्यवहार करते हैं (देखें: डिमेंशिया का व्यवहार पर असर)।

परिवार वालों को देखभाल की भूमिका निभाने के लिए सही तरह से उसके लिए तैयारी करनी होगी। उनको देखभाल के सभी कार्यों के लिए समय निकालना होगा, और व्यक्ति की मदद कारगर तरह से कैसे करें, यह सीखना भी होगा। उदाहरणतः, डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर औरों की बातों को समझ नहीं पाते, और अपनी ज़रूरतें भी नहीं बता पाते, इसलिए परिवार वालों को व्यक्ति से बात करने का तरीका बदलना होता है ताकि व्यक्ति उनकी बात समझ पाएँ। व्यक्तियों की मदद कैसे करें, इसके लिए भी अनेक उपाय हैं, जो देखभाल करने वालों को सीखने होंगे। व्यक्ति की परेशानी या गुस्से या उदासी को कैसे संभालें, यह भी सीखना होगा। घर को डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति की सहूलियत के लिए बदलना होगा, अंतिम चरण में देखभाल कैसे करें, यह जानना होगा, इत्यादि। परिवार वाले मिलजुल कर कैसे काम करें, यह सोचना होगा। देखभाल के सभी कार्य कैसे संभालें, और तनाव से कैसे मुक्त रहें, यह भी ज़रूरी विषय हैं।

इस सेक्शन में देखभाल करने वालों के लिए उपयोगी जानकारी है, जो खासतौर से भारत के माहौल और समस्याओं को ध्यान में रखकर तैयार करी गयी है। सभी पृष्ठों में विषय के अनुसार कोविड में देखभाल के लिए टिप्स भी मौजूद हैं।

कोविड में डिमेंशिया देखभाल एक अन्य सेक्शन में भी है: कोविड 19 के दौरान डिमेंशिया देखभाल

अधिक जानने के लिए अन्य संसाधन इस लिंक पर देखें: अन्य डिमेंशिया संसाधन। भारत में देखभाल करने वालों के अनुभव जानने के लिए उनके इंटरव्यू यहाँ पढ़ें: भारत से डिमेंशिया देखभाल करने वालों के इंटेरव्यू, विशेषज्ञों के इंटेरव्यू देखें डिमेंशिया विशेषज्ञों और स्वयंसेवकों के इंटरव्यू। और हिंदी समाचार पत्रों औ अन्य जगह कुछ डिमेंशिया-सम्बंधित अनुभव देखें: डिमेंशिया संबंधी हिंदी समाचार, ब्लॉग, साइट, पुस्तकें

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डिमेंशिया केयर नोट्स (हिंदी )