दोस्त, सहकर्मी, रिश्तेदार डिमेंशिया से जूझ रहे परिवार की मदद कैसे करें

डिमेंशिया देखभाल का काम बहुत अधिक होता है, और एक देखभाल कर्ता पूरी देखभाल अकेले नहीं कर सकता। उसे (primary caregiver को) मदद की ज़रूरत होती है।

देखभाल करने वाले क्या कर सकते हैं:  डिमेंशिया के बारे में कुछ मूल बातें समझ लें। कितनी मदद करना चाहते हैं। यह भी सोचें कि क्या आप डिमेंशिया और देखभाल के बारे में सीखने को तैयार हैं या नहीं, और फिर तय करें कि आप किस प्रकार की मदद कर पायेंगे और किस प्रकार की नहीं। यह जानें कि देखभाल कर्ता मदद चाहते हैं, और उन्हें बताएं कि आप उनके लिए किस तरह के काम कर सकते हैं। उनसे पूछें कि उन्हें कैसी मदद चाहिए।

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल करने वालों की कई प्रकार से मदद करी जा सकती है। यदि आप उनके दोस्त हों, रिश्तेदार हों, सहकर्मी या पड़ोसी हों, या अन्य कोई शुभचिंतक, आप उनकी मदद कर सकते हैं। बच्चे भी मदद कर सकते हैं। इस पृष्ठ पर मदद कैसे करें, इसके लिए कुछ सुझाव हैं। यदि आप देखभाल कर्ता हैं, तो इस पृष्ठ से आप देख सकते हैं कि आप मदद किस प्रकार की और कैसे ले सकते हैं।

इस पृष्ठ के सेक्शन:

मदद करने के लिए डिमेंशिया और देखभाल के बारे में क्या जानना जरूरी है

मदद करने कि लिए डिमेंशिया और देखभाल के बारे में आपको क्या जानना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस तरह की मदद करना चाहते हैं। पर कम-से-कम मदद करने वाले को इतना तो पता होना चाहिए कि देखभाल करने का काम कितना मुश्किल होता है। अफ़सोस, अकसर लोग मदद तो करना चाहते हैं, पर स्थिति को समझते नहीं हैं। नतीजन वे देखभाल करने वाले से इस तरह से बात करते हैं कि देखभाल करने वाला स्वयं को छोटा महसूस करता है। बिना मर्ज को समझे, ये मदद करने वाले गलतियाँ निकालने लगते हैं या अनुचित सलाह भी देने लगते हैं। यदि उनकी सलाह न मानी जाए, तो खफा हो जाते हैं। (देखभाल कर्ता की भावनाओं और तनाव को समझने के लिय नीचे कुछ लिंक दिए गए हैं)।

डिमेंशिया की कुछ-कुछ समझ होने पर, और यह भी समझने पर कि इसका परिवार पर क्या असर होता है, मदद करने वाले सोच पायेंगे कि किन काम में मदद दी जा सकती है। वे सोच पायेंगे की इन में से वे किन कामों में मदद देना चाहेंगे। परिवार वालों को कई तरह की मदद चाहिए होती है, इसलिए कुछ न कुछ तो मिल ही जाएगा जिस में वे देखभाल करने वाले की मदद कर पायेंगे।

देखभाल करने वालों की कई कामों में मदद करी जा सकती है, और इन में कई काम घर से बाहर के हैं, जिनके लिए डिमेंशिया को, या उसकी देखभाल को समझने की कोई जरूरत नहीं। आप बाजार से सामान लाने में मदद कर सकते हैं, बैंक की पासबुक अपडेट करा सकते हैं, बिल के पैसे जमा कर सकते हैं, ड्राइक्लीनर्स से कपड़े ला सकते हैं, वगैरह।

अगर आप ऐसे किसी काम में मदद रहे हैं जिस में व्यक्ति के साथ कुछ करना है, तो आपको डिमेंशिया के मूल तथ्य समझने होंगे। आपको यह समझना होगा कि डिमेंशिया के कारण व्यक्ति के मस्तिष्क में हानि हुई है और इसका असर बातचीत पर, काम करने की क्षमता पर, और व्यवहार पर पड़ा है। डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति अकसर देखने में इतने सामान्य लगते हैं कि बात करते हुए लोग यह भूल जाते हैं कि व्यक्ति के लिए हर बात मुश्किल है। लोग व्यक्ति से बहस भी करने लगते हैं, या ऐसे बात करने लगते हैं कि व्यक्ति के लिए और भी दिक्कत हो जाती है। अगर आप व्यक्ति के साथ कुछ देर बैठ कर बात कर रहे हैं, ताकि देखभाल वाले उतने समय के लिए निश्चिंत हो कर कोई दूसरे काम निपटा पाएँ, तो आपको बातचीत करते समय क्या करें, क्या न करें, यह अच्छी तरह जानना होगा।

अगर आप डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को उसके काम में मदद करना चाहते हैं, तो आपको डिमेंशिया और देखभाल की ज्यादा जानकारी चाहियेगी। ऐसी मदद के लिए अच्छा होगा कि आप पहले ध्यान से देखें कि परिवार वाले व्यक्ति की सहायता कैसे करते हैं, और इससे तरीके सीखें। व्यक्ति से काम कराना आसान नहीं होता, और अगर आप अकेले यह देखभाल का काम ले रहे हैं, और व्यक्ति उत्तेजित हो जाते हैं तो आपके लिए संभालना मुश्किल हो सकता है। पर अगर देखभाल करने वाले को, व्यक्ति के किसी काम के लिए एक अन्य मददगार की जरूरत हो (जैसे के व्यक्ति तो उठाना हो) तो इन में आप आसानी से मदद कर सकते हैं, क्योंकि व्यक्ति को समझने और संभालने के लिए परिवार वाले मौजूद हैं। अगर आप चाहते हैं कि कुछ देर आप अकेले व्यक्ति की देखभाल करें और उनको किसी काम में सहायता दें ताकि देखभाल करने वाले घर से बाहर जा पायें, तो आपको व्यक्ति के साथ रहने का, समझने का और संभालने का अधिक अभ्यास चाहियेगा।

देखभाल करने वाले के मन के बोझ को हलका करने में भी आप मदद कर सकते हैं। देखभाल करना तनावपूर्ण काम है, और देखभाल करने वाले अपने तनाव को बाँट भी नहीं पाते, और अगर आप करीबी दोस्त हैं तो बिना कोई टिप्पणी करे, आदर और स्नेह से उनकी बात सुनें। इससे उन्हें सहारा मिलेगा। इस तरह का सहारा देना आसान नहीं है, और ध्यान रखें कि आप खुद इसमें इतना न डूब जाएँ कि आप भी सुस्त हो जाएँ! यह भी याद रखें कि देखभाल करने वाले अकसर खुल के बोल नहीं पाते और इसलिए आप उन्हें सुझाव देने की जल्दी न करें, पहले इत्मीनान से उनकी बात सुनें।

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किन कामों में मदद करें

काम बांटने के लिए एक देखभाल सहायता मंडली बनाएं। आप और अन्य मित्र मिल कर एक ग्रुप बना सकते हैं जो मिल कर देखभाल करने वाले की मदद करे। एक दूसरे से व्हाट्सप्प जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़े रहें, उस पर वे काम बांटें जो करने की जरूरत है, और फिर तय करें कि आप में से कौन वह काम करेगा।

नीचे कुछ ऐसे काम की लिस्ट है जिन में आप मदद कर सकते हैं। अच्छा होगा कि शुरू में छोटे कामों में मदद करें और ऐसी जिम्मेदारी न लें जो संभाल न पाएँ। डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति के साथ अकेले समय बिताने से पहले यह देखें कि परिवार वाले व्यक्ति को कैसे संभालते हैं, और बातचीत और मदद कैसे करते हैं। शुरू में परिवार वालों के सामने ही व्यक्ति की मदद करें। फिर, अपने आत्मविश्वास के अनुसार अन्य काम में मदद करने का प्रस्ताव रखें। यदि आप व्यक्ति की मदद करने के लिए तैयार नहीं, तो देखभाल करने वालों के लिए अन्य काम करें।

  • बाहर के काम, जैसे कि खरीदारी, पैकेट कुरिएर करना, पोस्ट ऑफिस से सामान लाना, ड्राइ क्लीनर से कपड़े लाना/ देना, बिल के पैसे भरना, बैंक में चेक जमा कराना।
  • घर के काम जिन में व्यक्ति के साथ बात करने की जरूरत न हो, जैसे कि सफाई, खाना बनाने में मदद, घर आये रिपेयर के आदमी से काम करवाना, वगैरह।
  • देखभाल कर्ता कुछ जानकारी चाहते हों, तो उन्हें खोजने में मदद करना, जैसे कि देखभाल पर ऑनलाइन सामग्री ढूँढना, यह चेक करना कि पास की कौनसी लैब घर से खून का सैम्पल लेती है, वगैरह।
  • घर में व्यक्ति की सहूलियत के लिए बदलाव करवाने के लिए आईडिया देना, सामान लाना, मिस्त्री और कारपेंटर से बात करना।
  • जब व्यक्ति को घर के बाहर ले जाना हो, तो देखभाल कर्ता के लिए यह अकेले करना मुश्किल होता है। आप उनको अपनी कार में ले जा सकते हैं, या एम्बुलेंस मंगा सकते हैं, और साथ में जा सकते हैं ताकि अगर जहाँ ले जा रहे हैं वहाँ भाग-दौड करनी हो (टिकट खरीदना हो, फॉर्म भरना हो), तो आप मदद कर सकते हैं। अगर व्यक्ति को चलते वक्त पकड़ना हो, या व्हीलचेयर में बिठाना हो या उससे उठना हो, उस में भी आप मदद कर सकते हैं।
  • व्यक्ति के दैनिक कार्यों में भी आप मदद कर सकते हैं।
  • व्यक्ति सो रहे हों तो पास में बैठ जाना ताकि देखभाल कर्ता कुछ देर घर में कोई और काम निपटा पाए। (जैसे कोई जरूरी लंबे फोन कॉल या फोन कांफेरेंस पर बात करना)।
  • व्यक्ति के साथ कुछ देर गतिविधियां करना, जैसे कि गाने सुनना, गेम खेलना, बातें करना, मटर छीलना।
  • कुछ घंटों के लिए देखभाल का कार्यभार ले लेना ताकि देखभाल कर्ता घर के बाहर के काम निपटा पाए, या कुछ देर आराम कर पाए।
  • व्यक्ति की चलने में मदद करना।
  • व्यक्ति की गतिविधियों के लिए सामग्री इक्कठी करने में मदद करना (चित्र ढूँढना, पुरानी फ़िल्में और गाने ढूँढना, एल्बम लेबल करना)।
  • व्यक्ति को ड्राइव पर ले जाना।
  • व्यक्ति के लिए सैर का प्रबंध करना और उसे बाहर ले जाना, जैसे कि मंदिर या पार्क में।
  • घर में व्यक्ति की नर्सिंग के काम में मदद (जब व्यक्ति अग्रिम अवस्था में हो)।

जैसे कि ऊपर के सुझावों से स्पष्ट है, मदद कई प्रकार के काम के लिए दी जा सकती है। अपनी हिम्मत और रुची के अनुसार ही जिम्मेदारी लें।

एक अन्य क्षेत्र है जिस में देखभाल कर्ता को मदद चाहिए होती है, और वह है भावनात्मक समर्थन। यह समर्थन सुनने में आसान लगता है, पर करना इतना आसान नहीं। इसके लिए कुछ सुझाव:

  • देखभाल कर्ता की बातें सुनने के लिए तैयार रहें, और उनको बिना टीका-टिप्पणी सुनें और सहानुभूति की भावना रखें।
  • स्थिति समझने पर देखभाल के लिए, और देखभाल कर्ता के जीवन के अन्य कामों के संचालन के लिए उचित सुझाव दें।
  • देखभाल कर्ता स्वयं अपनी देखभाल कर रहे हैं, यह देखें और इसमें उसकी मदद करें।

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बच्चे कैसे मदद कर सकते हैं

बच्चे भी मदद कर सकते हैं, अगर वे समझें कि क्या हो रहा है, और उससे विचलित न हों। बच्चों को डिमेंशिया के बारे में क्या बताएं और कैसे समझाएं, इसके लिए कुछ लिंक नीचे दिए गए हैं।

craft book made by grandchild for dementia patient
यह कॉपी एक बच्चे ने नानी के लिए बनायी है| नानी को डिमेंशिया है, और बच्चा और नानी साथ बैठ कर फोटो और लेबल देखते हैं और बातें करते हैं।

बच्चे मदद करना चाहें, इसके लिए कुछ सुझाव:

  • घर के बाहर के छुटमुट काम करना।
  • घर के काम में हाथ बटाना।
  • व्यक्ति के साथ कुछ देर बैठ कर बातें करना। अकसर डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति अपने पोता-पोती के साथ बैठना पसंद करते हैं।
  • व्यक्ति के साथ कुछ मज़े वाली गतिविधयां करना, जैसे फिंगर पेंटिंग करना, गेम खेलना, कोई साज़ बजाना, गाने गाना, भजन गाना, वगैरह।
  • यादें ताजा करने के लिए एल्बम में लेबल लगाना और ऐसी चीज़ें इकट्ठी करना जिन्हें व्यक्ति देखना या छूना पसंद करें। (संस्मरण थेरपी, reminiscence therapy)।

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देखभाल कर्ता के स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति (तनाव, अवसाद, इत्यादि) के प्रति सतर्क रहें

देखभाल करना एक अत्यंत तनाव-पूर्ण काम है, खास तौर से ऐसे माहौल में जहाँ आस-पास के लोग डिमेंशिया के बारे में कुछ नहीं जानते या उनको गलत धारणाएं हैं, और जहाँ सहायक सेवाएँ उपलब्ध नहीं हैं। देखभाल करने वाले मदद नहीं मांग पाते और स्वयं अपने स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान नहीं दे पाते। उनकी हालत बिगड़ती जाती है।

हितैषियों को ऐसे में खास-तौर से सतर्क रहना चाहिए, और मदद का हाथ पेश करना चाहिए। जैसे कि, यदि आप देखें कि देखभाल करने वाला अपने हेल्थ चेकउप के लिए नहीं जा पा रहा है, तो आप या तो उन्हें डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं या कुछ देर रोगी की जिम्मेदारी ले सकते हैं जिससे देखभाल कर्ता को डॉक्टर के पास जाने का समय मिल पाए।

यदि आप पाएँ कि देखभाल करने वाला बहुत मायूस है और लोगों से कतराने लगा है, तो उसके साथ कुछ समय स्वयं बिता कर उसे अकेलेपन से उभारें। पर कुछ लोग मायूस व्यक्तियों के साथ बातचीत नहीं कर पाते। यदि आप उनमे से एक हैं, तो अन्य दोस्तों को बताएं ताकि उनमे से कोई देखभाल करने वाले को अकेलेपन से राहत दे पाए। साथ देने वाला व्यक्ति ऐसे हो जो स्थिति समझे और बिना टोकाटाकी करे देखभाल करने वाले को कुछ कंपनी दे पाए। मदद दें तो ऐसे कि वह हस्तक्षेप न लगे।

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गंभीर संक्रमण और प्रतिबंधों की स्थिति (जैसे कि कोविड) में देखभाल कर्ता के लिए अतिरिक्त नोट्स

कोविड 19 के कारण देखभाल में उत्पन्न चुनौतियों से हमने देखा है कि देखभाल करने वालों को अत्यंत मुश्किल स्थितियों में कितनी सहायता की जरूरत पड़ती है, खासकर क्योंकि कई देखभालकर्ता स्वयं बड़ी उम्र के हैं और अपनी बीमारियों से भी जूझ रहे हैं, और डिमेंशिया वाले व्यक्ति की देखभाल करने के अतिरिक्त उन्हें खुद भी संक्रमण से बचे रहने की जरूरत है। गंभीर संकर्तमान के खतरे और लागू प्रतिबंधों के कारण और पर्याप्त सेवाएं उपलब्ध न होने के कारण उनकी दिक्कतें बहुत बढ़ जाती हैं।

देखभालकर्ता की मदद करने का एक तरीका है उनके ऐसे काम करना जिनके लिए घर से बाहर जाने की जरूरत होती है ताकि देखभालकर्ता को इन्फेक्शन का कम ख़तरा हो और उन्हें तनाव और थकान भी कम हो।

कई देखभालकर्ता शायद पूरी तरह डिजिटल मंच का इस्तेमाल करने में सक्षम न हों। उनकी डिजिटल कार्यों में मदद करी जा सकती है, या दूसरे लोग उनके ये काम उनके लिए कर सकते हैं – जैसे कि कोई सामान आर्डर करना। सहायता का एक अन्य क्षेत्र है उनके लिए उपयोगी जानकारी खोजना। उनके घरों में ऐसे उपकरण इंस्टाल करें जिन से वे अधिक सुरक्षित रहें, खासकर यदि देखभालकर्ता अकेले ही देखभाल कर रहे हों, क्योंकि ऐसे में यदि घर में कोई दुर्घटना या अन्य समस्या हो तो हो सकता है दूसरों को पता भी न चले। कुछ उदाहरण – सीसीटीवी, विडियो कॉल कर पाने का इंतज़ाम, इमरजेंसी के लिए अलार्म, आदि।

देखभालकर्ताओं को डिजिटल विकल्प के अनेक इस्तेमाल के बारे में प्रशिक्षित करने से देखभालकर्ता को अधिक सक्षम और स्वतन्त्र भी बनाया जा सकता है, चाहे ऑनलाइन आर्डर करने के लिए या मोबाइल और इन्टरनेट से विडियो कॉल करने के लिए। उन्हें बताएं कि वे दूसरों से जुड़े रहने के लिए उपलब्ध डिजिटल मंचों का सही और सुरक्षित इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं।

ऐसे समय में देखभालकर्ता से जुड़े रहना भी बहुत जरूरी है क्योंकि देखभालकर्ता घर में बंधे रहते हैं और अधिक तनाव, अवसाद और चिंता महसूस कर सकते हैं। अकेलापन और अलगाल की भावना बहुत बढ़ सकती है। उन से संपर्क बनाए रखें और उनकी स्थिति के बारे में सतर्क रहें, ताकि जरूरत पड़ते ही आप उन्हें उचित सहायक संसाधन से जोड़ पायें। उन्हें हेल्पलाइन, टेलीकाउन्सेलिंग, ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप आदी का इस्तेमाल करने का सुझाव दें, और उपयोगी संसाधन के बारे में बताएं।

यदि डिमेंशिया वाले व्यक्ति अभी आरंभिक अवस्था में है और सक्षम हैं, उन्हें कुछ ऐसे उपकरण और सुविधाओं का इस्तेमाल सिखाएं जिन से वे डिजिटल तरीकों द्वारा कुछ गतिविधियां कर पाएं और दूसरे लोगों से जुड़ पाएं।

इस महामारी का एक महत्वपूर्ण सबक यह रहा है कि डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर पाना कितना जरूरी है। कोई बड़ी समस्या न भी हो, तब भी सोचें कि क्या आप अपने आस-पास के लोगों को – खासकर बुजुर्गों को – डिजिटल का इस्तेमाल सिखा सकते हैं, ताकि वे डिजिटल उपकरणों और एप का सुरक्षितऔर सहज इस्तेमाल कर सकें, और बाद में जरूरत हो तो उन्हें सुविधा रहे। संज्ञानात्मक गिरावट के बाद डिजिटल से अधिक खग्रा हो सकता है, क्योंकि वे डिजिटल पर स्कैम के शिकार हो सकते हैं। यानि कि, डिमेंशिया वाले व्यक्ति का अकेले डिजिटल का इस्तेमाल करना खतरनाक हो सकता है, पर अगर उन्होंने पहले से डिजिटल माध्यम जो एड़खा यही, तो उनके साथ कोई सहायक हो तो वे कम-से-कम विडिओ कॉल या अन्य डिजिटल माध्यम से लोगों से जुड़े रहने में सहज रहेंगे।

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इन्हें भी देखें.

हिंदी पृष्ठ, इसी साईट से:

डिमेंशिया वाले व्यक्ति के साथ आप किस प्रकार की गतिविधियां कर सकते हैं, इस विषय पर पृष्ठ: डिमेंशिया वाले व्यक्ति को शांत, संतिष्ट और सुखी रखें

देखभाल करने वालों की भावनाओं और तनाव को समझने के लिए यह पृष्ठ देखें:

बच्चों को डिमेंशिया के बारे में कैसे समझाएं, इसपर कुछ टिप्स इस पृष्ठ पर: बच्चों को डिमेंशिया के बारे में समझाने के लिए कुछ टिप्स.

हमारे अंग्रेज़ी साईट से कुछ लेख, जो भारत के संदर्भ में हैं:

कुछ उपयोगी इंटरव्यू:

इस विषय पर हिंदी सामग्री, कुछ अन्य साईट पर: यह याद रखें कि इन में से कई लेख अन्य देश में रहने वालों के लिए बनाए गए हैं, और इनमें कई सेवाओं और सपोर्ट संबंधी बातें, कानूनी बातें, इत्यादि, भारत में लागू नहीं होंगी।

इस पृष्ठ का नवीनतम अँग्रेज़ी संस्करण यहाँ उपलब्ध है: How relatives/ friends/ colleagues can help Opens in new window। अंग्रेज़ी पृष्ठ पर आपको विषय पर अधिक सामयिक जानकारी मिल सकती है। कई उपयोगी अँग्रेज़ी लेखों, संस्थाओं और फ़ोरम इत्यादि के लिंक भी हो सकते हैं।

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डिमेंशिया केयर नोट्स (हिंदी )