अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease, AD) सबसे ज्यादा पाया जाने वाला डिमेंशिया है (50-75%)। इस पर जानकारी अन्य डिमेंशिया रोगों से ज्यादा आसानी से मिलती है। इस पृष्ठ पर प्रस्तुत है इस पर एक सरल परिचय और कुछ उपयोगी चित्र, और हिंदी साइट और वीडियो के लिंक भी हैं|
- अल्ज़ाइमर रोग क्या है (What is Alzheimer’s Disease)|
- अल्ज़ाइमर रोग के लक्षण (Symptoms of Alzheimer’s Disease)|
- समय के साथ अल्ज़ाइमर रोग का बढ़ना (Progression of Alzheimer’s Disease)|
- अल्ज़ाइमर रोग: कुछ अन्य तथ्य (Some other facts about Alzheimer’s Disease)|
- अल्ज़ाइमर रोग-निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Alzheimer’s Disease)|
- उपलब्ध जानकारी और सपोर्ट पर कुछ कमेन्ट (Available information and resources: some comments)|
- अल्ज़ाइमर रोग: मुख्य बिंदु (Salient Points of Alzheimer’s Disease)|
- (नोट्स: अधिक जानकारी के लिए लिंक और श्रेय) (Notes: Links and Credits)|
डिमेंशिया के अन्य तीन मुख्य प्रकारों पर प्रकाशित पोस्ट के लिए ये लिंक देखें : संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया, Vascular dementia), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia), और फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया (Frontotemporal Dementia, FTD) |
अल्ज़ाइमर रोग क्या है (What is Alzheimer’s Disease)|
अल्ज़ाइमर रोग सबसे ज्यादा पाया जाने वाला डिमेंशिया है*1 |
- इस डिमेंशिया में मस्तिष्क में हुई हानि को दवा से वापस ठीक नहीं किया जा सकता| यह इर्रिवर्सिबल (irreversible) है|
- Dementia India Report 2010 के अनुसार इर्रिवार्सिब्ल डिमेंशिया के केस में से 50 – 75% लोगों को अल्ज़ाइमर रोग होता है|
- अल्ज़ाइमर रोग अन्य डिमेंशिया के साथ-साथ भी पाया जाता है, जैसे कि वैस्कुलर डिमेंशिया के साथ। इस को मिश्रित डिमेंशिया (मिक्स्ड डिमेंशिया) कहते हैं|
अल्ज़ाइमर रोग सबसे पहले डॉक्टर अलोइस अल्झाइमर ने पहचाना था| इस लिए यह रोग उन के नाम से जाना जाता है। पर यह रोग नया नहीं है। इस के लक्षण तो हम सदियों से देखते आ रहे हैं, बस हम यह नहीं जानते थे कि ये लक्षण मस्तिष्क में हो रहे बदलाव के कारण हैं।
- अल्ज़ाइमर रोग में मस्तिष्क में हो रही हानि की खास पहचान हैं बीटा-एमीलायड प्लैक और न्यूरोफिब्रिलरी टैंगल| सरलता के लिए इन्हें अकसर सिर्फ प्लैक और टैंगिल भी बुलाया जाता है|
- इन असामान्य खण्डों की वजह से मस्तिष्क के सेल (कोशिकाएं, न्यूरोन) मरने लगते हैं|
- सेल एक दूसरे को सन्देश ठीक से नहीं पहुंचा पाते|
- मस्तिष्क सिकुड़ने लगता है|
- हानि अकसर मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस भाग में शुरू होती है, और धीरे धीरे सभी भागों में फैलने लगती है|
- जैसे-जैसे हानि बढ़ती है, मस्तिष्क के अनेक भाग भी ठीक काम नहीं कर पाते|
अल्ज़ाइमर रोग के लक्षण (Symptoms of Alzheimer’s Disease)|

- अल्ज़ाइमर रोग में शुरू का आम लक्षण है याददाश्त की समस्या। इस लिए इस रोग को कई लोग भूलने की बीमारी कहते हैं|
- यह स्मृति-लोप की समस्या बहुत धीरे-धीरे बढ़ती हैं| यह विशेष तौर से हाल में हुई बातों को याद करने की कोशिश करते वक्त नजर आती है|
- अन्य शुरू के लक्षण हैं डिप्रेशन (यानि कि अवसाद), अरुच और उदासीनता|
मस्तिष्क ठीक काम नहीं कर पाता, इसलिए अन्य लक्षण भी नजर आते हैं| कुछ उदाहरण पेश हैं:
- जगह और समय क्या है, यह ठीक से मालूम नहीं होना| भटकने की समस्या आम है| |
- साधारण रोज-रोज के काम करने में दिक्कत होना, काम बहुत धीरे-धीरे करना या उन में मदद की जरूरत होना|
- ध्यान लगाने में दिक्कत|
- नई चीजें न सीख पाना |
- अपनी बात बताने में दिक्कत| दूसरों की बातें समझने में दिक्कत| भाषा की दिक्कत,| लिखने में दिक्कत|
- चीजें पहचानने में दिक्कत| चित्रों को पहचान ना पाना| दूरी का अंदाजा ठीक से नहीं लगा पाना|
- सोचने में और तर्क करने में दिक्कत| हिसाब करने में दिक्कत| समस्याएँ ना सुलझा पाना| निर्णय लेने में दिक्कत |
- व्यक्तित्व और मूड में बदलाव, जैसे कि दूसरों से दूर रहने लगना, चिड़चिड़ा होना |
- भ्रम होना|
अल्ज़ाइमर रोग में कई उप-प्रकार हैं, जिन में कुछ असामान्य अल्ज़ाइमर रोग (Atypical Alzheimer’s Disease) भी हैं, और इन में लक्षण सामान्य अल्ज़ाइमर रोग से कुछ अलग होते हैं।
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समय के साथ अल्ज़ाइमर रोग का बढ़ना (Progression of Alzheimer’s Disease)|
अल्ज़ाइमर रोग एक प्रगतिशील रोग है। इस में समय के साथ-साथ हानि बढ़ती रहती है, और लक्षण भी उसी प्रकार गंभीर होते जाते हैं। शुरू में अकसर सिर्फ हिप्पोकैम्पस में हानि होती है, पर यह हानि फैलती जाती है।
रोग का व्यक्ति पर असर किस रफ्तार से और किस तरह बढ़ेगा यह हर केस में फर्क होता है। अंतिम चरण तक पहुँचते पहुँचते व्यक्ति सभी कामों के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। व्यक्ति का चलना फिरना, बोल पाना, यहाँ तक कि खाना निगल पाना, सभी बहुत मुश्किल हो जाता है| वे पूरे समय बिस्तर पर ही रहते हैं।
अल्ज़ाइमर रोग में मस्तिष्क में किस प्रकार हानि होती है, और समय के साथ यह कैसे बढ़ती है, यह देखने के लिए कुछ चित्रण पेश हैं , National Institute on Aging USA के सौजन्य से|
अल्ज़ाइमर रोग: कुछ अन्य तथ्य (Some other facts about Alzheimer’s Disease)|
बढ़ती उम्र और अल्ज़ाइमर होने की संभावना में सम्बन्ध है|
- अल्ज़ाइमर की संभावना उम्र के साथ बढ़ती है, और खास तौर से 65 साल और अधिक होने के बाद ज्यादा होती है। अधिकांश केस 65 और उससे ज्यादा आयु वाले लोगों में पाए जाते हैं|
- एक जरूरी तथ्य यह है कि अल्ज़ाइमर रोग 65 से कम उम्र के लोगों में भी हो सकता है। इस को यंगर ऑनसेट अल्ज़ाइमर रोग (Younger Onset Alzheimer’s Disease, YOAD) या अर्ली ऑनसेट अल्ज़ाइमर रोग कहते हैं (Early Onset Alzheimer’s Disease, EOAD)|
अल्ज़ाइमर के कारक पर उपलब्ध जानकारी :
- अल्ज़ाइमर रोग किसी को भी हो सकता है। इस का कोई स्पष्ट कारक नहीं मालूम है।
- उम्र के साथ-साथ अल्ज़ाइमर रोग की संभावना बहुत बढ़ती है| उम्र बढ़ने को इस रोग का सबसे प्रमुख कारक माना जाता है|
- यदि परिवार में किसी को अल्ज़ाइमर है, तो बच्चों में अल्ज़ाइमर की संभावना ज्यादा होती है। इस आनुवंशिकता को ठीक से समझने के लिए अभी रिसर्च चल रहा है।
अवधि:
- यह रोग प्रगतिशील है और ला-इलाज भी, और इस की अवधि शुरू के लक्षण से लेकर व्यक्ति के मौत तक है। यह अवधि हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग है| ये अवधि कुछ साल से लेकर एक या दो दशक तक की हो सकती है।
- कुछ अनुमान के अनुसार प्रारंभिक लक्षण से अंत तक व्यक्ति को औसतन आठ साल लगते हैं|
बचाव:
- अल्ज़ाइमर से बचने का कोई पक्का तरीका अब तक मालूम नहीं है। इस पर जोर-शोर से शोध चल रहा है।
- अब तक की समझ के हिसाब से कुछ चीजें हैं जिन्हें अपनाने से इसकी संभावना कम होगी|
- स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, जैसे कि नियमित व्यायाम और पौष्टिक भोजन |हृदय स्वास्थ्य में इस्तेमाल तरीके अल्ज़ाइमर रोग से बचाव के लिए भी अपना सकते हैं|
- सक्रिय और सकारात्मक जीवन बिताना, और अर्थपूर्ण काम करना|
- अवसाद, यानि कि डिप्रेसन से बचना|
- ऐसे काम करना जिन से मस्तिष्क सक्रिय रहे|
- लोगों से मिलना-जुलना| सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना|
- कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से खास तौर बचना, जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रोल, और हृदय रोग। यह समस्याएँ हों तो इन को नियंत्रण में रखना|
- तंबाकू सेवन बंद करना|
- मद्यपान सीमित रखना|
अल्ज़ाइमर रोग-निदान और उपचार (Diagnosis and Treatment of Alzheimer’s Disease)|
अल्ज़ाइमर रोग-निदान के लिए कोई एक विशिष्ट टेस्ट नहीं है। विशेषज्ञ अल्ज़ाइमर का डायग्नोसिस पूरी चिकित्सीय जाँच के बाद ही दे सकते हैं। वे व्यक्ति के लक्षण समझने की कोशिश करते हैं, व्यक्ति की अन्य बीमारियों की जानकारी प्राप्त करते हैं, फैमिली मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं, और परिवार वालों से भी बात करते हैं। खून के टेस्ट, मानसिक अवस्था के लिए टेस्ट, याददाश्त और सोचने-समझने के लिए टेस्ट, ब्रेन स्कैन, इत्यादि, ये सब इस चिकित्सीय मूल्यांकन का भाग हैं।
रोग-निदान में गलतियाँ हो सकती है। कुछ उदाहरण पेश हैं|
- लक्षण धीरे धीरे बढ़ते हैं| कई बार इन्हें बुढ़ापे की आम समस्या समझ कर नजरअंदाज कर दिया जाता है|
- यदि व्यक्ति में अल्ज़ाइमर रोग सामान्य तरह से पेश नहीं हो, तो यह शायद न पहचाना जाए| उदाहरण है कम उम्र में अल्ज़ाइमर होना|
- क्योंकि अल्ज़ाइमर रोग के बारे में अन्य डिमेंशिया रोगों से ज्यादा जानकारी और जागरूकता है, इसलिए कभी-कभी मिलते-जुलते लक्षण देखने पर, बिना पूरी जाँच करे, व्यक्ति को अल्ज़ाइमर का रोग-निदान मिल सकता है। व्यक्ति को कोई दूसरी बीमारी है, यह शायद पहचाना न जाए। इस स्थिति में:
- व्यक्ति को अन्य मौजूद बीमारी का इलाज नहीं मिल पाता है|
- कुछ दवा जो अल्ज़ाइमर रोग में कारगर हैं, वे अन्य रोगों में नुकसान भी कर सकती हैं|
अच्छा यही होगा कि परिवार वाले संतोष कर लें कि रोग-निदान के समय सब जाँच हुई है|
रोग-निदान जितनी जल्दी हो, उतना अच्छा है, ताकि व्यक्ति उपलब्ध दवा का लाभ उठा सकें, और व्यक्ति और परिवार वाले, सब आगे के लिए योजना बना पाएँ|
इसका पूरा उपचार अब तक उपलब्ध नहीं है|
- वर्तमान में, दवा से अल्ज़ाइमर रोग न तो रुक सकता है, न ही उसकी प्रगति धीमी करी जा सकती हैं|
- हालांकि मस्तिष्क में हो रही हानि के लिए कोई दवा नहीं है, पर ऐसी कुछ दवा हैं जिन से अल्ज़ाइमर के रोगियों को कुछ राहत मिल सकती है|
- ये दवाएं लक्षणों में कुछ सुधार लाने के लिए इस्तेमाल होती हैं। यह कुछ लोगों में कारगर होती हैं, पर सब में नहीं, और यह शुरू की अवस्था में ज्यादा कारगर होती हैं।
दवा के अतिरिक्त, अन्य भी कई तरीके हैं जिन से व्यक्ति की सहायता करी जा सकती है| उदाहरण हैं घर और वातावरण में बदलाव, और देखभाल और बातचीत के बेहतर तरीके इस्तेमाल करना। व्यक्ति की खुशहाली के लिए इन्हें अपनाना बहुत जरूरी है|
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उपलब्ध जानकारी और सपोर्ट पर कुछ कमेन्ट (Available information and resources: some comments)|
डिमेंशिया अनेक रोगों की वजह से हो सकता है, और इन में से अल्ज़ाइमर रोग पर सब से ज्यादा चर्चा होती है। डिमेंशिया समर्थन पर काम करने वाली संस्थाओं के नाम में अकसर अल्ज़ाइमर शब्द होता है, जैसे कि “अल्ज़ाइमर असोसिअशन” या “अल्ज़ाइमर सोसाइटी”। भारत में राष्ट्रीय स्तर के संगठन के नाम में भी अल्ज़ाइमर शब्द है: Alzheimer’s and Related Disorders Society of India (ARDSI)। लेखों में, खबरों में, अन्य जागरूकता के लिए करे गए कार्यक्रमों में, सब में अल्ज़ाइमर और डिमेंशिया दोनों शब्दों का अदल-बदल कर इस्तेमाल होता है। इस कारण यह नाम भी कई लोग पहचानते हैं| पर इस में क्या लक्षण हैं, और उन का व्यक्ति और परिवार पर क्या असर होता है, इस पर जानकारी कम है।
कई लोग अल्ज़ाइमर को भूलने की बीमारी समझते हैं या इसे वृद्धों की बीमारी के रूप में ही जानते हैं। लोग यह नहीं जानते कि व्यक्ति को बहुत तरह की दिक्कतें होती हैं और समय के साथ-साथ व्यक्ति पूरी तरह लाचार हो जाते हैं, या यह कम उम्र में भी हो सकता है। यानि कि, नाम की पहचान तो है, पर इस रोग का किस-किस पर और कितना गंभीर असर होता है, इस के बारे में कई गलत धारणाएँ हैं।
परिवार में यदि किसी को अल्ज़ाइमर है, तो देखभाल की जरूरत होती है, और व्यक्ति की सहायता का काम समय के साथ बढ़ता जाता है। देखभाल कई साल करनी होती है| इस के लिए परिवार को सही जानकारी, सलाह और सेवाओं की जरूरत होती है। पर भारत में ऐसी बहुत ही कम संस्थाएं और सेवाएं हैं जो उचित जानकारी और सहायता दे सकती हैं।
अफ़सोस, कुछ लोग अल्ज़ाइमर रोग से संबंधित आशंका और भय का फायदा उठाते हैं। वे अपनी संस्था या सेवा के लिए दावा करते हैं कि वे अल्ज़ाइमर रोगियों को उचित सहायता और सेवा प्रदान कर पायेंगे| वे कभी-कभी यह भी गलत दावा करते है कि वे अधिकृत संस्थाओं से जुड़े हैं। पर वास्तव में उनकी जानकारी बहुत ही सीमित होती है। किसी के भी दावे पर विश्वास करने से पहले ऐसे दावों की पुष्टि करनी जरूरी है।
अल्ज़ाइमर रोग: मुख्य बिंदु (Salient Points of Alzheimer’s Disease)
- अल्ज़ाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम कारण है| यह डिमेंशिया के करीब 50 से 75% केस के लिए जिम्मेदार है|
- यह अकेले भी पाया जाता है, और अन्य डिमेंशिया के साथ भी मौजूद हो सकता है (जैसे कि संवहनी मनोभ्रंश या लुई बॉडी डिमेंशिया के साथ)|
- शुरू में इस का आम लक्षण है याददाश्त की समस्या। अन्य आम शुरू के लक्षण हैं अवसाद और अरुचि।
- लक्षण धीरे धीरे बढ़ते हैं, और शुरू में पता नहीं चलता कि कुछ गड़बड़ है|
- समय के साथ लक्षण बढ़ते जाते हैं और मस्तिष्क के सभी कामों में दिक्कत होने लगती है|
- अंतिम चरण में व्यक्ति पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं|
- इस को रोकने या ठीक करने के लिए दवा नहीं है, पर लक्षणों से राहत देने के लिए कुछ दवा और गैर-दवा वाले उपचार हैं|
- इस से बचने के लिए कोई पक्का तरीका मालूम नहीं है| पर यह माना जाता है कि स्वस्थ जीवन शैली से, व्यायाम से, सक्रिय जीवन बिताने से कुछ बचाव होगा
- हृदय स्वास्थ्य के लिए जो कदम उपयोगी है, वे इस से बचाव में भी उपयोगी हैं (What is good for the heart is good for the brain).
(नोट्स: अधिक जानकारी के लिए लिंक और श्रेय) (Notes: Links and Credits)|
*1अन्य प्रमुख डिमेंशिया और उनके लिए लिंक हैं संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया, Vascular dementia), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia), और फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया (Frontotemporal Dementia, FTD)|
और जानकारी के लिए देखें:
मस्तिष्क में बदलाव पर हिंदी में वीडियो |
एक वीडियो परिचय, डिमेंशिया सलाहकार Atiq Hassan (Bradford,UK)द्वारा:
अल्जाइमर रोग पर एक तीन मिनट का हिंदी “पॉकेट” वीडियो: एल्ज़ाइमर्ज़ रोग क्या है|
इस विषय पर हमारे हिंदी पृष्ठ भी देखें: डिमेंशिया किन रोगों के कारण होता है (Diseases that cause dementia),निदान, उपचार, बचाव (Dementia Diagnosis, Treatment, Prevention)|
कुछ अन्य हिंदी लिंक हैं भारत में स्थित “वाइट स्वान फ़ाउंडेशन फ़ॉर मेंटल हेल्थ”के वेबसाइट पर दो पृष्ठ: अल्ज़ाइमर रोग की समझ Opens in new window और अल्ज़ाइमर रोग Opens in new window, और अमरीका में स्थित Alzheimer’s Association, USA का पृष्ठOpens in new window.
कुछ अंग्रेज़ी लिंक:
What Is Alzheimer’s?(Alzheimer’s Association, USA) Opens in new window और Alzheimer’s disease? (Alzheimer’s Society, UK) (अंग्रेज़ी PDF डाउनलोड उपलब्ध) Opens in new window|
अल्ज़ाइमर रोग और संबंधित विकारों के लिए कुछ शब्द/ वर्तनी पेश है:
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- Alzheimer’s Disease, beta amyloid plaque, neurofibrillary tangles, young onset Alzheimer’s Disease, early-onset Alzheimer’s Disease, mixed dementia, Atypical Alzheimer’s disease, Posterior cortical atrophy (PCA), Logopenic aphasia, Frontal variant Alzheimer’s disease.
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