अधिकाँश डिमेंशिया लाइलाज हैं, यानि कि दवाई से रोग से हुई हानि ठीक नहीं करी जा सकती| अधिकांश रोग प्रगतिशील भी होते हैं, और समय के साथ मस्तिष्क अधिक नष्ट होता जाता है, और व्यक्ति अधिक लाचार होते जाते हैं| वैसे तो अनेक रोग हैं जिन से डिमेंशिया के लक्षण पैदा हो सकते हैं, पर चार प्रकार मुख्य माने जाते हैं| ये हैं: अल्ज़ाइमर रोग, संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया),लुई बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया| डिमेंशिया इंडिया रिपोर्ट 2010 के टेबल 1 के अनुसार डिमेंशिया रोगिओं में आम प्रकार के लाइलाज डिमेंशिया के अनुपात प्रस्तुत हैं|
डिमेंशिया का प्रकार | % |
अल्ज़ाइमर रोग (Alzheimer’s Disease) | 50-75% |
वास्कुलर डिमेंशिया (संवहनी मनोभ्रंश, नाड़ी संबंधी)(Vascular dementia) | 20-30% |
लुई बॉडीज़ वाला डिमेंशिया(Dementia with Lewy Bodies) | < 5% |
फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (Fronto-temporal dementia) | 5-10% |
इन चार प्रमुख प्रकार के डिमेंशिया पर अधिक जानकारी इस साईट में आप इन चार पोस्ट में देख सकते हैं|
- अल्ज़ाइमर रोग.
- संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया).
- लुई बॉडी डिमेंशिया .
- फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया.
अल्ज़ाइमर रोग (Alzheimer’s Disease, AD) : एक परिचय|
पोस्ट का एक अंश: अल्ज़ाइमर रोग: मुख्य बिंदु।

- अल्ज़ाइमर रोग डिमेंशिया का सबसे आम कारण है| यह डिमेंशिया के करीब 50 से 75% केस के लिए जिम्मेदार है|
- यह अकेले भी पाया जाता है, और अन्य डिमेंशिया के साथ भी मौजूद हो सकता है (जैसे कि संवहनी मनोभ्रंश या लुई बॉडी डिमेंशिया के साथ)|
- शुरू में इस का आम लक्षण है याददाश्त की समस्या। अन्य आम शुरू के लक्षण हैं अवसाद और अरुचि।
- लक्षण धीरे धीरे बढ़ते हैं, और शुरू में पता नहीं चलता कि कुछ गड़बड़ है|
- समय के साथ लक्षण बढ़ते जाते हैं और मस्तिष्क के सभी कामों में दिक्कत होने लगती है|
- अंतिम चरण में व्यक्ति पूरी तरह दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं|
- इस को रोकने या ठीक करने के लिए दवा नहीं है, पर लक्षणों से राहत देने के लिए कुछ दवा और गैर-दवा वाले उपचार हैं|
- इस से बचने के लिए कोई पक्का तरीका मालूम नहीं है| पर यह माना जाता है कि स्वस्थ जीवन शैली से, व्यायाम से, सक्रिय जीवन बिताने से कुछ बचाव होगा|
- हृदय स्वास्थ्य के लिए जो कदम उपयोगी है, वे इस से बचाव में भी उपयोगी हैं (What is good for the heart is good for the brain)|
अधिक जानकारी के लिए पूरा पोस्ट देखें : अल्ज़ाइमर रोग (Alzheimer’s Disease, AD) : एक परिचय|
संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया, Vascular dementia): एक परिचय.
पोस्ट का एक अंश: संवहनी डिमेंशिया: मुख्य बिंदु।
- संवहनी मनोभ्रंश एक प्रमुख प्रकार का डिमेंशिया है, जो डिमेंशिया के 20-30% केस के लिए जिम्मेदार है|
- यह अकेले भी पाया जाता है, और अन्य डिमेंशिया के साथ भी मौजूद हो सकता है , जैसे कि अल्ज़ाइमर और लुई बॉडी डिमेंशिया के साथ|
- लक्षणों में, और प्रगति संबंधी पहलू में यह अन्य प्रमुख डिमेंशिया से कई तरह से फर्क हैं|
- हानि कहाँ और कितनी हुई है, लक्षण इस पर निर्भर हैं|
- अल्ज़ाइमर के मुकाबले इसमें याददाश्त की समस्या शुरू में कम पाई जाती है|
- लक्षणों की प्रगति धीरे-धीरे भी हो सकती है, या चरणों (स्टेप्स) में भी हो सकती है|
- इस की संभावना कम करने के लिए कारगर उपाय मौजूद हैं|
- स्वास्थ्य और जीवन शैली पर ध्यान दें तो रक्त वाहिकाओं में समस्याएं कम होंगी| इस से संवहनी डिमेंशिया की संभावना कम होगी, और यदि हो भी तो इसकी प्रगति धीमी कर सकते हैं|
- हृदय स्वास्थ्य के लिए जो कदम उपयोगी है, वे रक्त वाहिका समस्याओं से बचने के लिए भी उपयोगी हैं|
अधिक जानकारी के लिए पूरा पोस्ट देखें : संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया, Vascular dementia): एक परिचय|
लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia): एक परिचय|
पोस्ट का एक अंश: लुई बॉडी डिमेंशिया: मुख्य बिंदु ।
- लुई बॉडी डिमेंशिया एक प्रमुख प्रकार का डिमेंशिया है। यह ठीक नहीं हो सकता और समय के साथ व्यक्ति की हालत खराब होती जाती है|
- इस के बारे में जानकारी बहुत कम है|
- इस की खास पहचान है मस्तिष्क की कोशिकाओं में “लुई बॉडी” नामक असामान्य संरचना की उपस्थिति|
- लक्षण:
- विशिष्ट लक्षण हैं दृष्टि विभ्रम, सोचने-समझने की क्षमता कम होना, और इन का रोज-रोज बहुत भिन्न होना, पार्किंसन लक्षण, जैसे कंपन, जकड़न, धीमापन, पैर घसीटना, इत्यादि, और नींद में व्यवहार संबंधी समस्याएँ|
- अन्य डिमेंशिया लक्षण भी प्रकट होते हैं|
- अभी इस को रोकने या धीमे करने के लिए कोई दवाई नहीं है| इलाज और देखभाल में व्यक्ति को लक्षणों से कुछ राहत देने की कोशिश रहती है|
- सही रोग निदान मिलने में दिक्कत हो सकती हैं|
- कुछ आम-तौर डिमेंशिया में इस्तेमाल होने वाली दवाओं से लुई बॉडी डिमेंशिया वाले लोगों को नुकसान हो सकता है। सतर्क रहना जरूरी हैं|
- लुई बॉडी डिमेंशिया से संबंधित कुछ खास संसाधन हैं। अधिक जानने के लिए और वर्तमान जानकारी के अपडेट पाने के लिए इन से संपर्क करें। कुछ ऑनलाइन समुदाय भी हैं जहाँ लोग इस से संबंधित अनुभव और सुझाव बांटते हैं। आप यदि इस डिमेंशिया से ग्रस्त हैं, या इस से ग्रस्त व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो इन में अनुभव और सुझाव बाँट सकते हैं|
अधिक जानकारी के लिए पूरा पोस्ट देखें : लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body Dementia): एक परिचय|
फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया (Frontotemporal Dementia, FTD): एक परिचय.
पोस्ट का एक अंश: फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया: मुख्य बिंदु।
- फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया एक प्रमुख प्रकार का डिमेंशिया है जो अन्य डिमेंशिया के प्रकार से कुछ मुख्य बातों में बहुत फर्क है। इस वजह से इस का सही रोग-निदान बहुत देर से होता है।
- इस के अधिकांश केस 65 से कम उम्र के लोगों में होते हैं।
- इस के प्रारंभिक लक्षण हैं व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव और भाषा संबंधी समस्याएँ।
- शुरू में याददाश्त संबंधी लक्षण नहीं होते।
- यह प्रगतिशील और ला-इलाज है। अभी इस को रोकने या धीमे करने के लिए कोई दवाई नहीं है।
- इलाज और देखभाल में दवा से, व्यायाम से, शारीरिक और व्यावसायिक थेरपी से और स्पीच थेरपी से व्यक्ति को कुछ राहत देने की कोशिश करी जाती है।
- इस डिमेंशिया का अब तक मालूम रिस्क फैक्टर (कारक) सिर्फ फैमिली हिस्ट्री है , यानी कि परिवार में अन्य लोगों को यह या ऐसा कोई रोग होना।
- इस डिमेंशिया में देखभाल कई कारणों से बहुत मुश्किल होती है, जैसे कि:
- पैसे की दिक्कत, बदला व्यवहार संभालना ज्यादा मुश्किल, समाज में बदले व्यवहार के कारण दिक्कत, बाद में व्यक्ति की शारीरिक कमजोरी के संभालने में दिक्कत।
- उपयुक्त सेवाएँ बहुत ही कम हैं, और स्वास्थ्य कर्मियों में भी जानकारी बहुत ही कम।
- फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया पर विशिष्ट संस्थाएं और ऑनलाइन सपोर्ट कम है। अधिकांश उपलब्ध जानकारी और सपोर्ट अल्ज़ाइमर रोग के लिए तैयार करी गयी है, परन्तु फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया अल्ज़ाइमर रोग से कई महत्त्वपूर्ण बातों में फर्क है और इस लिए कई पहलू हैं जिन पर आम संसाधनों से उपयोगी जानकारी नहीं मिल पाती। यदि आप को या आपके किसी प्रियजन को FTD हो तो जानकारी और सपोर्ट के लिए विशिष्ट FTD संसाधन का भी इस्तेमाल करें।
अधिक जानकारी के लिए पूरा पोस्ट देखें : फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया (Frontotemporal Dementia, FTD): एक परिचय|
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