डिमेंशिया वाले व्यक्ति, उनके देखभाल कर्ता और कोविड-19 वैक्सीन

भारत में अब कोविड वैक्सीन 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए उपलब्ध है। कोविड संक्रमण से बचाव के लिए डिमेंशिया वाले व्यक्तियों और अन्य परिवार वालों और देखभाल कर्ता को वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए। इस लेख में:

डिमेंशिया वाले लोगों में कोविड के विरुद्ध प्रतिरक्षक क्षमता का विकसित होना ख़ास तौर से जरूरी है.

बड़ी उम्र के लोगों के लिए, और गंभीर बीमारी वाले लोगों के लिए कोविड संक्रमण अधिक गंभीर होता है, इसलिए ऐसे लोगों में संक्रमण के विरुद्ध प्रतिरक्षक क्षमता बहुत जरूरी है। डिमेंशिया (मनोभ्रंश) वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) वाले व्यक्तियों को कोविड का संक्रमण होने का अधिक ख़तरा है क्योंकि वे सुरक्षित रहने के लिए कोविड-अनुरूप उचित व्यवहार को समझ नहीं सकते हैं या उनका पालन नहीं कर पाते हैं। ऊपर से उन्हें अकसर कार्यों में मदद की जरूरत होती है और उनके देखभालकर्ता सहायता के लिए उनके निकट आते हैं और वे कोविड संक्रमण के वाहक हो सकते हैं।  

फिर यदि व्यक्ति को संक्रमण हो, तो वे परिवार वालों को शायद बता भी न पायें कि उन्हें तकलीफ हो रही है और इसलिए संक्रमण के प्रारंभिक चरण में उन्हें शायद उपचार न मिल पाए। उपचार में जितनी देर होगी, स्थिति उतनी गंभीर होगी, और जटिलताओं की संभावना बढ़ेगी।

इसके अलावा, उपचार प्राप्त करने में भी डिमेंशिया वाले व्यक्ति अधिक समस्याओं का सामना करते हैं। वे आमतौर पर अस्पताल के वातावरण में अधिक बेचैन और अव्यवस्थित हो जाते हैं, और यदि कोई परिचित देखभाल करने वाला साथ न हो, तो उनकी परेशानी बढ़ जाती है। वे डॉक्टर और नर्स की बात शायद न समझ पायें या आदेशों का पालन न कर पायें, और अपनी आवश्यकताओं या समस्याओं को व्यक्त करने में सक्षम न हों।

प्रतिरक्षा बढाने के लिए एक प्रमुख कदम है कोविड वैक्सीन लगवाना। स्पष्ट है कि डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों को कोविड वैक्सीन लगवाने को प्राथमिकता देनी चाहिए

इसके अतिरिक्त यह भी जरूरी है कि परिवार के अन्य सदस्य और देखभाल कर्ता भी वैक्सीन लगवा लें ताकि उनके कारण व्यक्ति को कोविड संक्रमण होने का खतरा कम हो।

(यह पृष्ट कोविड और उसके लिए उपलब्ध वैक्सीन के संदर्भ में लिखा गया है, पर इसकी मुख्य बिन्दुएं किसी भी ऐसी गंभीर संक्रमण की स्थिति में भी उपयोगी हो सकती हैं, जहां वैक्सीन उपलब्ध हैं ।)

[ऊपर]

अब कोविड वैक्सीन सभी के लिए उपलब्ध है.

भारत के टीकाकरण अभियान के अंतर्गत चरणों में पात्र श्रेणियां बढ़ाई गयी थीं । शुरुआत में इस में स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंट लाइन वर्कर्स थे, पर मार्च 1, 2021 से वैक्सीन की पात्र श्रेणी में अन्य लोग शामिल करे जाने लगे थे। अप्रैल 1, 2021 से 45 से अधिक उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकते थे, और अब कोविड वैक्सीन 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों के लिए उपलब्ध है । इसलिए डिमेंशिया वाले व्यक्ति, और उनके सभी परिवार वालों और देखभाल कर्ता को वैक्सीन लगवा लेना चाहिए।

[ऊपर]

वैक्सीन कैसे लगवाएं और क्या ख़ास सावधानी बरतें.

टीकाकरण और संबंधित प्रक्रियाओं को जानने के लिए आधिकारिक साइट हैं:  www.cowin.gov.in Opens in new window । यहाँ वैक्सीन के लिए पंजीकरण के बारे में अधिक विकल्प और जानकारी देखी जा सकती है, और पंजीकरण हो सकता है। वैक्सीन लेने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है, पर इस कदम के लिए कई विकल्प हैं। वाक-इन का विकल्प भी उपलब्ध है ।

वैसे तो आजकल वैक्सीन लगवाने पर कई लेख नजर आते हैं, और इस से सम्बंधित प्रक्रियाएं स्थिति के अनुकूल बदली जा रही हैं, पर कुछ मुख्य पहलू गौर करने लायक हैं, खासकर डिमेंशिया वाले व्यक्ति के केस में:

  • टीकाकरण संबंधी प्रश्नों और संदेह के लिए कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें, खासकर यदि वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को अन्य बीमारियाँ भी हों। कुछ संभव पहलू – क्या वैक्सीन लेने से पहले कुछ दवाओं को रोकने की आवश्यकता है या कोई उपचार चक्र पूरा करना चाहिए, अन्य वैक्सीन  और कोविड  वैक्सीन आदि के बीच कितना अंतर होना चाहिए, कौन से साइड इफेक्ट्स के बारे में सतर्क रहना होगा, वगैरह। इस सन्दर्भ में विभिन्न को-मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों की कुछ चिंताओं पर एक उपयोगी हिंदी लेख देखें : कोविड 19 वैक्सीन संबंधी जानकारी: गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों के अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न Opens in new window
  • टीकाकरण प्रक्रिया के बारे में स्पष्ट रहें। यह कहाँ, कब और कैसे करवाएंगे, इसे अपनी सुविधा के अनुसार चुनें (जैसे कि, क्या आप वाक-इन करेंगे या अपॉइंटमेंट करने के बाद जायेंगे)। केंद्र के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त  कर लें।
  • वैसे अच्छा रहेगा कि आप व्यक्ति का नवीनतम पर्चा (प्रिस्क्रीप्शन) साथ रखें, भले ही प्रक्रिया के अनुसार विशिष्ट चिकित्सा प्रमाण पत्र की आवश्यकता न हो।
  • वैक्सीन के लिए जाने की योजना बनाएं, जैसे कि साथ क्या ले जाना चाहिए (पानी, स्नैक्स, हैंड सैनिटाइज़र, अतिरिक्त मास्क आदि)।
  • डिमेंशिया वाले व्यक्ति को वैक्सीन के लिए ले जाने के लिए अधिक व्यवस्था की जरूरत हो सकती है, इस लिए सुविधाजनक  केंद्र चुने। हो सके तो व्यक्ति को ले जाने से पहले केंद्र के अधिकारियों से अपने सभी प्रश्न पूछ लें। ऐसी व्यवस्था करें जिस से व्यक्ति को केंद्र में लंबे समय तक इंतजार न करना पड़े। यह भी सुनिश्चित करें कि परिवार का कोई सदस्य डिमेंशिया वाले व्यक्ति के साथ हमेशा रहे ताकि व्यक्ति घबराएं नहीं और विचलित या उत्तेजित न हों।
  • वैक्सीन लगने के बाद डिमेंशिया वाले व्यक्ति की अधिक देखभाल के लिए तैयार रहें क्योंकि इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं। ये अधिकाँश केस में बहुत ही हलके होते हैं पर फिर भी ये व्यक्ति को चिंतित कर सकते हैं। व्यक्ति को अधिक ध्यान और सांत्वना की आवश्यकता हो सकती है। यह भी संभव है कि व्यक्ति इन दुष्प्रभाव (जैसे बुखार, खराश, आदि) के बारे में परिवार के सदस्यों को न बताएं  और परिवार वाले उन्हें इन से राहत न दे पायें (जैसे कि बुखार की गोली)।
  • अगर देखभाल कर्ता वैक्सीन लगवा रहे हों तो ध्यान रखें कि कुछ दिन के लिए वैक्सीन के कारण उत्पन्न दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए डिमेंशिया वाले व्यक्ति की देखभाल के लिए अन्य देखभाल कर्ता उपलब्ध रहना चाहिए।
  • ध्यान रहे कि सफल टीकाकरण के लिए वैक्सीन की दोनों खुराक लेनी होंगी। दोनों खुराक एक ही किस्म की वैक्सीन की होनी चाहियें , और उनके बीच का अंतराल प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए । निर्धारित अंतराल के बाद बूस्टर डोस भी लगवा लें।

टीकाकरण की पहुँच बढाने के लिए अब ऐसे भी कई विकल्प हैं जिन से लोग अधिक सुविधा से टीका लगवा सकें, जैसे कि अपार्टमेंट काम्प्लेक्स में किसी निजी अस्पताल के या स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी “कैंप” लगाते हैं। अगर व्यक्ति बहुत कमजोर हैं या उन्हें घर से बाहर ले जाने में संक्रमण का जोखिम बहुत अधिक है, या व्यक्ति शैय्याग्रस्त हैं, तो इन के लिए उचित विकल्प का पता चलाएं

टीकाकरण के बाद भी, सभी आवश्यक कोविड अनुरूप उपयुक्त व्यवहार का पालन करने की आवश्यकता है, क्योंकि वैक्सीन से संक्रमण की संभावना कम होती है, शून्य नहीं वैक्सीन लगने के बावजूद भी संक्रमण हो सकता है।

[ऊपर]

डिमेंशिया केयर नोट्स (हिंदी )