संवहनी डिमेंशिया (वैस्कुलर डिमेंशिया, नाड़ी-संबंधी): एक परिचय

संवहनी डिमेंशिया ((वैस्कुलर डिमेंशिया, नाड़ी-संबंधी, vascular dementia) डिमेंशिया के चार प्रमुख प्रकारों में से एक है| यह डिमेंशिया के करीब 20 – 30% डिमेंशिया केस के लिए जिम्मेदार है| इस के बारे में जानने से आप इसे ज्यादा आसानी से पहचान पायेंगे, और इस से बचने के लिए अपनी जिंदगी में उचित बदलाव अपना पायेंगे| इस पृष्ठ पर उपलब्ध सेक्शन हैं:

संवहनी डिमेंशिया (मनोभ्रंश) क्या है (What is Vascular Dementia)|

संवहनी डिमेंशिया (मनोभ्रंश) एक प्रमुख प्रकार का डिमेंशिया है*1 

  • इस डिमेंशिया में मस्तिष्क में हुई हानि को दवा से वापस ठीक नहीं किया जा सकता| यह इर्रिवर्सिबल, (irreversible) है|
  • Dementia India Report 2010 के अनुसार इर्रिवार्सिब्ल डिमेंशिया के केस में से व्यक्ति को 20-30% संवहनी डिमेंशिया (वैस्क्युलर डिमेंशिया, नाड़ी-संबंधी, vascular dementia) होता हैं|
Table 1.1 from Dementia India Report 2010
brain vascular system
  • अंग्रेज़ी शब्द वैस्कुलर (और हिंदी शब्द ‘संवहनी’) का अर्थ है –  रक्त वाहिकाओं (खून की नलिकाएं, blood vessels) से संबंधित|
  • रक्त वाहिकाओं के द्वारा शरीर के हर भाग में आक्सीजन और जरूरी पदार्थ पहुंचाए जाते हैं|
  • हमारे मस्तिष्क में भी रक्त वाहिकाओं का एक नेटवर्क होता है (वैस्क्युलर सिस्टम)| मस्तिष्क के ठीक काम करने के लिए मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं का ठीक रहना बहुत ज़रूरी है|
  • संवहनी डिमेंशिया में मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में समस्या होती है, और इसकी वजह से डिमेंशिया लक्षण पैदा होते हैं| मस्तिष्क के कुछ भागों में खून की सप्लाई (blood supply) में रुकावट हो जाती है| खून ठीक न पहुँचने के कारण उन भागों में कोशिकाएं (सेल, cells) मर जाती हैं| इस के कारण वे भाग ठीक काम नहीं कर पाते, और डिमेंशिया के लक्षण पैदा होते हैं|
  • संवहनी डिमेंशिया के मुख्य प्रकार हैं:
    • स्ट्रोक से संबंधित डिमेंशिया (Stroke-related dementia), और
    • सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया (Subcortical vascular dementia)|

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स्ट्रोक से संबंधित डिमेंशिया (Stroke-related Dementia)|

  • स्ट्रोक (पक्षाघात) में मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कुछ भागों में कुछ देर के लिए नहीं हो पाता|
    • यह रक्त वाहिका में बाधा से हो सकता है, जैसे कि रक्त का थक्का (clot) वाहिका को बंद कर दे|
    • यह वाहिका के फटने से भी हो सकता है|
  • कई लोग स्ट्रोक के बाद ठीक हो पाते हैं| पर कुछ लोगों में स्ट्रोक से हुई मस्तिष्क की हानि पूरी तरह ठीक नहीं होती, जिस से डिमेंशिया के लक्षण नज़र आ सकते हैं|
  • अल्ज़ाइमर सोसाइटी UK की “Types of vascular dementia” पत्रिका के अनुसार,
    • लगभग 20% स्ट्रोक केस में छह महीनों में डिमेंशिया के लक्षण नज़र आ सकते हैं|
    • एक बार स्ट्रोक हो, तो आगे भी स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है, और इस वजह से डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है|

बार-बार मिनी स्ट्रोक से भी हानि होती है|

  • कुछ लोगों को बहुत छोटे-छोटे स्ट्रोक (मिनी-स्ट्रोक, mini-stroke) हो सकते हैं , जिन का असर 24 घंटे या कम में चला जाता है|
    • अकसर लोग ऐसे मिनी-स्ट्रोक पहचान नहीं पाते, या उन्हें गंभीर नहीं समझते|
    • पर कभी-कभी इन से मस्तिष्क में हानि हो सकती है|
    • ऐसे कई मिनी-स्ट्रोक के बाद कुल मिला कर हुई हानि इतनी हो सकती है कि डिमेंशिया के लक्षण नज़र आने लगते हैं|
  • मिनी-स्ट्रोक और उस में पाए डिमेंशिया से संबंधित कुछ शब्द:
    • मिनी-स्ट्रोक: ट्रांसिऐंट इस्कीमिक अटैक्स (transient ischemic attack, TIA) या अस्थायी स्थानिक अरक्तता|
    • मस्तिष्क में हुई हानि: इनफार्क्ट (रोधगलितांश, infarct)
    • बार-बार के मिनी-स्ट्रोक से संबंधित डिमेंशिया: मल्टी- इनफार्क्ट डिमेंशिया (multi-infarct dementia), बहु-रोधगलितांश डिमेंशिया|

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सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया (Subcortical Vascular Dementia)|

  • मस्तिष्क में कई छोटी वाहिकाएं हैं जो गहरे भागों (श्वेत पदार्थ) में खून पहुंचाती हैं|
  • इन में भी हानि हो सकती है, जैसे कि इनका सिकुड़ जाना, अकड़ जाना, इत्यादि। ऐसे में इन में खून का बहाव ठीक नहीं रहता| ऐसे नुकसान के कारक रोगों में उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, और मधुमेह शामिल हैं|
  • मस्तिष्क के गहरे भागों की छोटी वाहिकाओं में हानि के कारण उत्पन्न डिमेंशिया का नाम है सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया (Subcortical vascular dementia)|

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संवहनी डिमेंशिया के लक्षण (Symptoms of Vascular Dementia)|

symptoms depend on damage location
संवहनी डिमेंशिया में व्यक्ति के लक्षण इस बात पर निर्भर होते हैं कि मस्तिष्क के किस-किस भाग में क्षति हुई है, और यह क्षति कितनी गंभीर है|
  • संवहनी डिमेंशिया में शुरू के आम लक्षण हैं: शारीरिक कमजोरी और मनोदशा (मूड) में अस्थिरता/ उतार-चढ़ाव (mood fluctuations)|
  • याददाश्त की दिक्कत भी हो सकती हैं, पर यह इतनी नहीं हैं जितनी कि अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s Disease) में|
  • अन्य लक्षण के उदाहरण  हैं : काम करने की, या सोचने की गति कम होना, ध्यान लगाने में दिक्कत, निर्णय लेने में या समस्या का हल ढूंढ़ने में दिक्कत, भाषा संबंधी दिक्कत, भ्रम, अवसाद|
  • स्ट्रोक के केस में शरीर के एक तरफ कमजोरी भी हो सकती है|
  • हर व्यक्ति के लक्षण मस्तिष्क में हुई हानि के स्थान पर निर्भर हैं|

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संवहनी डिमेंशिया में लक्षणों का बढ़ना (Progression of Vascular Dementia Symptoms)|

  • डिमेंशिया का होना और लक्षणों की प्रगति इस पर निर्भर है कि मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में समस्या किस तरह बढ़ती है|
  • डिमेंशिया का शुरू होना धीरे धीरे या अचानक हो सकता है|
    • कुछ लोगों में संवहनी डिमेंशिया के लक्षण धीरे-धीरे नज़र आते हैं|
    • पर यदि व्यक्ति को स्ट्रोक हो, तो स्ट्रोक के बाद लक्षण अचानक प्रकट हो सकते हैं|
  • लक्षण का बढ़ना भी अलग-अलग तरह से हो सकता है|
    • अगर डिमेंशिया स्ट्रोक के कारण हुआ है तो आगे के स्ट्रोक रोक पाने से मस्तिष्क में और अधिक क्षति नहीं होगी और लक्षण बिगड़ेंगे नहीं। पर अगर एक और स्ट्रोक हो जाए, तो लक्षण अचानक बढ़ भी सकते हैं । यानि कि, लक्षण चरणों (स्टेप्स) में बदतर हो सकते हैं|
    • अगर व्यक्ति को बार-बार स्ट्रोक या मिनी स्ट्रोक हो रहे हैं या मस्तिष्क की कोशिकाएं लगातार नष्ट हो रही हों तो गिरावट भी धीरे-धीरे बढ़ती रहेगी|
    • सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया में लक्षण धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं, या भागों में भी बढ़ सकते हैं।

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संवहनी डिमेंशिया: उपचार (Treatment of Vascular Dementia)|

stethescope
  • संवहनी डिमेंशिया में मस्तिष्क में हुई हानि दवाई से ठीक नहीं हो सकती| (जिन भागों में हानि हुई है वे फिर से सामान्य नहीं हो सकते|
  • पर हम इस डिमेंशिया के बिगड़ने को रोकने की या धीरे करने की कोशिश कर सकते हैं| हम यह कोशिश कर सकते हैं कि रक्त का प्रवाह ठीक बना रहे और रक्त वाहिकाएं और अधिक खराब न हों|
  • डॉक्टर सलाह और दवाई देते समय अन्य पहलुओं के साथ-साथ संवहन-संबंधी पहलुओं पर जोर देते है। इन के उदाहरण हैं:
    • उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह, दिल की समस्याएँ| इनसे बचें या इन्हें नियंत्रित रखें|
    • जीवन शैली बदलें| धूम्रपान बंद करें, व्यायाम करें, पौष्टिक भोजन लें, वज़न स्वस्थ सीमाओं में रखें, मद्यपान कम करें|
  • देखभाल के समय भी इन बातों पर विशेष ध्यान देना होता है|
  • यह भी जरूरी है कि स्ट्रोक के बाद खास तौर से सतर्क रहें कि फिर से स्ट्रोक न हो|  डिमेंशिया के लक्षणों के लिए भी सतर्क रहें|

(नोट:अधिकांश डिमेंशिया में लक्षण धीरे-धीरे और लगातार बढ़ते हैं|)

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संवहनी डिमेंशिया: मुख्य बिंदु (Salient Points of Vascular Dementia)|

good for heart good for brain
  • संवहनी मनोभ्रंश एक प्रमुख प्रकार का डिमेंशिया है, जो डिमेंशिया के 20-30% केस के लिए जिम्मेदार है|
    • यह अकेले भी पाया जाता है, और अन्य डिमेंशिया के साथ भी मौजूद हो सकता है , जैसे कि अल्ज़ाइमर और लुई बॉडी डिमेंशिया के साथ|
  • लक्षणों में, और प्रगति संबंधी पहलू में यह अन्य प्रमुख डिमेंशिया से कई तरह से फर्क हैं|
    • हानि कहाँ और कितनी हुई है, लक्षण इस पर निर्भर हैं|
    • अल्ज़ाइमर के मुकाबले इसमें याददाश्त की समस्या शुरू में कम पाई जाती है|
    • लक्षणों की प्रगति धीरे-धीरे भी हो सकती है, या चरणों (स्टेप्स) में भी हो सकती है|
  • इस की संभावना कम करने के लिए कारगर उपाय मौजूद हैं|
    • स्वास्थ्य और जीवन शैली पर ध्यान दें तो रक्त वाहिकाओं में समस्याएं कम होंगी| इस से संवहनी डिमेंशिया की संभावना कम होगी, और यदि हो भी तो इसकी प्रगति धीमी कर सकते हैं|
    • हृदय स्वास्थ्य के लिए जो कदम उपयोगी है, वे रक्त वाहिका समस्याओं से बचने के लिए भी उपयोगी हैं|

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(नोट्स: अधिक जानकारी के लिए लिंक, और चित्रों के लिए श्रेय) (Notes: Links, Credits)|

*1अन्य प्रमुख डिमेंशिया और उन पर प्रकाशित पोस्ट हैं: अल्ज़ाइमर रोग (सबसे आम डिमेंशिया रोग), लुई बॉडी डिमेंशिया और फ्रंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया|

और देखें: इस हिंदी वेबसाइट पर इस विषय पर पृष्ठ: डिमेंशिया किन रोगों के कारण होता है और डिमेंशिया के निदान, उपचार और बचाव पर जानकारी। स्ट्रोक पर विस्तृत पोस्ट देखें: स्ट्रोक (आघात) और डिमेंशिया (मनोभ्रंश)
कुछ विश्वसनीय अंग्रेज़ी वेबसाइट से पृष्ठों के लिंक: Alzheimer’s Association, USA) से Vascular Dementia Opens in new window और Alzheimer’s Society, UK से Types of vascular dementia Opens in new window|

संवहनी डिमेंशिया और संबंधित विकारों पर जानकारी की खोज के लिए कुछ शब्द/ वर्तनी:

  • वास्कुलर डिमेंशिया, वैस्क्युलर डिमेंशिया, नाड़ी-संबंधी डिमेंशिया, संवहनी मनोभ्रंश, हृदवाहिनी रोग, रक्त-वाहिका रोग,स्ट्रोक, सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया, मल्टी-इनफार्क्ट, मिनी-स्ट्रोक्स, बहु-रोधगलितांश डिमेंशिया, बिंसवान्गर रोग, सबकोर्टिकल वैस्क्युलर डिमेंशिया, ट्रांसिऐंट इस्कीमिक अटैक्स, अस्थायी स्थानिक अरक्तता दौरे, पक्षाघात|
  • Vascular dementia, stroke, transient ischemic attacks (TIA), multi-infarct disease, subcortical vascular dementia, small vessel disease, Binswanger Disease.

श्रेय: (Public domain pictures) मस्तिष्क का चित्र: Henry Vandyke Carter [Public domain], via Wikimedia Commons, मस्तिष्क के वैस्क्यूलर सिस्टम का चित्र: National Institute of Aging.

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डिमेंशिया किन रोगों के कारण होता है

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के लक्षण अनेक रोगों के कारण पैदा हो सकते हैं. कुछ लोग इन डिमेंशिया के कारणों (causes of dementia) को डिमेंशिया के प्रकार या डिमेंशिया के किस्म भी कहते हैं (types of dementia), या कभी कभी विशेष रोग के नाम की जगह, “डिमेंशिया” शब्द को रोग के नाम की तरह इस्तेमाल करते हैं. वास्तव में ऐसे अनेक रोग हैं जिनसे डिमेंशिया के लक्षण पैदा हो सकते हैं (लगभग 100). प्रमुख रोग हैं अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s Disease), संवहनी मनोभ्रंश (नाड़ी-संबंधी डिमेंशिया, vascular dementia), फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (fronto-temporal dementia, FTD), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body dementia, LBD), मिश्रित डिमेंशिया (mixed dementia), इत्यादि.

अकसर लोग पूछते हैं कि डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर में फ़र्क क्या है. अल्जाइमर एक ऐसा रोग है जिससे मस्तिष्क में हानि होती है, और डिमेंशिया के लक्षण होते हैं. यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, पर डिमेंशिया अन्य रोगों के कारण भी हो सकता है. डिमेंशिया लक्षणों के समूह का नाम है, और अल्जाइमर एक ऐसा रोग है जिससे ये लक्षण हो सकते हैं.

  • डिमेंशिया और उसके लक्षण पैदा करने वाले रोगों के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य.
  • डिमेंशिया के ठीक हो सकने वाले कारण (reversible causes)
  • डिमेंशिया के ठीक न हो सकने वाले कारण (irreversible causes)
  • इन्हें भी देखें

पूरे पोस्ट के लिए यहाँ क्लिक करें : डिमेंशिया किन रोगों के कारण होता है

डिमेंशिया (मनोभ्रंश) के लक्षण अनेक रोगों के कारण पैदा हो सकते हैं। कुछ लोग इन डिमेंशिया के कारणों (causes of dementia) को डिमेंशिया के प्रकार या डिमेंशिया के किस्म भी कहते हैं (types of dementia)। कभी कभी विशेष रोग के नाम की जगह, “डिमेंशिया” शब्द को रोग के नाम की तरह इस्तेमाल करते हैं। वास्तव में ऐसे अनेक रोग हैं जिनसे डिमेंशिया के लक्षण पैदा हो सकते हैं (लगभग 100)। प्रमुख रोग हैं अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s Disease), संवहनी मनोभ्रंश (नाड़ी-संबंधी डिमेंशिया, vascular dementia), फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (fronto-temporal dementia, FTD), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body dementia, LBD), मिश्रित डिमेंशिया (mixed dementia), इत्यादि।

अकसर लोग पूछते हैं कि डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर में फ़र्क क्या है। यह कन्फ़्युशन इसलिए भी अधिक है क्योंकि कई लेखों में डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर शब्दों को अदल बदल कर इस्तेमाल करा जाता है। वास्तव में अल्जाइमर एक ऐसा रोग है जिससे मस्तिष्क में हानि होती है, और डिमेंशिया के लक्षण होते हैं। यह डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, पर डिमेंशिया अन्य रोगों के कारण भी हो सकता है। डिमेंशिया लक्षणों के समूह का नाम है, और अल्जाइमर एक ऐसा रोग है जिससे ये लक्षण हो सकते हैं।

इस पृष्ठ के सेक्शन:

डिमेंशिया और उसके लक्षण पैदा करने वाले रोगों के बारे में कुछ प्रमुख तथ्य।

  • व्यक्ति में डिमेंशिया के लक्षण एक या एक से ज्यादा रोगों के कारण पैदा हो सकते हैं।
  • डिमेंशिया एक संलक्षण (लक्षणों के समूह) का नाम है। हर मरीज में सब लक्षण नहीं होंगे; किसी व्यक्ति में कुछ लक्षण नज़र आ सकते हैं, तो किसी अन्य व्यक्ति में कोई और लक्षण नज़र आ सकते हैं। यह तो डॉक्टर ही बता पायेंगे कि व्यक्ति को डिमेंशिया है या नहीं।
  • व्यक्ति में डिमेंशिया के कौन से लक्षण प्रकट होते हैं यह इस पर निर्भर है कि रोग के कारण मस्तिष्क के किस भाग में हानि हुई है।
  • व्यक्ति को डिमेंशिया है या नहीं, यह तय करने के लिए डॉक्टर प्रश्न पूछेंगे और उचित जांच और टेस्ट करेंगे, और फिर बताएँगे कि व्यक्ति को डिमेंशिया है या नहीं। जांच के दौरान वे तय करेंगे कि व्यक्ति के लक्षण किस रोग के कारण हैं।
  • कुछ रोग इलाज से ठीक हो सकते हैं, और इस इलाज के बाद व्यक्ति स्वस्थ हो जाता है और उनके डिमेंशिया लक्षण पूरी तरह से चले जाते हैं। व्यक्ति फिर से सामान्य हो जाते हैं। इसे रिवर्सिबल डिमेंशिया (reversible dementia) कहते हैं।
  • बाकी रोग (जिनके कारण डिमेंशिया होता है) लाइलाज हैं। इन्हें इर्रिवर्सबिल डिमेंशिया (irreversible dementia) कहते हैं। इलाज से इनमे से कुछ रोगों के प्रकट लक्षण तो कम हो सकते हैं, पर रोग मूल रूप से ठीक नहीं हो पाता। मस्तिष्क में जो हानि हो चुकी है, वह दवाई से वापस पलटती नहीं है, और दवाई का फोकस होता है प्रकट लक्षणों को कम करना और कुछ राहत देना। डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्तियों को आराम पंहुचाने के लिए अधिक कारगर दवाईओं के लिए शोध ज़ारी है।
  • डिमेंशिया के लक्षण किस गति से बढ़ेंगे और कौन से लक्षण ज्यादा गंभीर होंगे, यह इस पर निर्भर है कि उस व्यक्ति का डिमेंशिया किस रोग के कारण है, मस्तिष्क के किस भाग में कितनी हानि हुई है, और हानि किस रफ़्तार से बढ़ रही है। कई प्रकार के डिमेंशिया में मस्तिष्क में हो रही हानि बढ़ती जाती है progressive dementia), पर कुछ डिमेंशिया में हानि एक ही स्तर पर काफी अरसे तक रुकी रहती है, फिर शायद कुछ और हानि हो, और फिर कुछ देर उसी नए स्तर पर रुकी रहे। इसको plateau, या step-wise progression of dementia भी कहते हैं।
  • परिवार वाले इस बात को ले कर भी चिंतित होते हैं कि क्या डिमेंशिया अनुवांशिक है।उनके डिमेंशिया की संभावना के बारे में जानने के लिये यह जानना ज़रूरी है कि डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्ति को किस रोग के कारण डिमेंशिया है। फिर परिवार वाले उचित शोध की रिपोर्ट देख सकते हैं।
  • अधिकाँश डिमेंशिया और देखभाल सम्बंधित चर्चा ऐसे डिमेंशिया के प्रकारों के इर्द-गिर्द होती है जिन में इलाज से रोग को पलटा नहीं जा सकता (irreversible)। चर्चा करने वाले यह मान कर चलते हैं कि डिमेंशिया के लक्षण दिखाने वाले व्यक्ति की सही डॉक्टरी जांच हो चुकी है, और यदि डिमेंशिया पैदा करने वाला रोग इलाज से ठीक हो सकता था, तो वह इलाज हो चुका है।

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डिमेंशिया के ठीक हो सकने वाले कारण (reversible causes)।

डिमेंशिया के ठीक हो सकने वाले (रिवर्सबल) अनेक कारण हैं। जांच से सही कारण पता चलाने के बाद डॉक्टर इलाज कर सकते हैं और व्यक्ति के डिमेंशिया लक्षण चले जायेंगे।

अवसाद (depression) एक आम कारण जिसे ठीक करा जा सकता है। अवसाद से होने वाले डिमेंशिया को depressive pseudodementia या depressive dementia कहते हैं। एक अन्य आम कारण है कुछ प्रकार की दवाएं। ऐसे में लक्षण दवा के दुष्प्रभाव या दवा से उत्पन्न शरीर में टॉक्सिन जमा होने से होते हैं। कुछ दवाओं का मस्तिष्क के रसायनों पर होता है, जिस से लक्षण उत्पन्न होते हैं।

अन्य जाने-माने कारणों में शामिल हैं , थाइरोइड हार्मोन में कमी (hypothyroidism), कुछ प्रकार के संक्रमण (infections), और विटामिन B12 की कमी (vitamin B12 deficiency)। इलेक्ट्रलाइट असंतुलन बुजुर्गों में एक आम समस्या है, और इस से उत्पन्न लक्षण भी डिमेंशिया जैसे होते हैं। निर्जलीकरण और पोषण में कमी से भी लक्षण हो सकते हैं। रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) ऊपर-नीचे होना ऐसे लक्षणों का एक अन्य कारण है। ठीक से न देख पाने या ठीक से न सुन पाने के कारण बदले व्यवहार भी डिमेंशिया जैसे लग सकते हैं।

इस प्रकार के डिमेंशिया के कुछ कारक रोग ऐसे हैं जो कम पाए जाते हैं, और जिनका रोग निदान कई बार ठीक से नहीं हो पाता। ऐसा एक रोग है सामान्य दबाव हायड्रोसेफ़ेलस(normal pressure hydrocephalus, NPH), जिस में मस्तिष्क में अधिक फ्लूइड भर जाता है और इस कारण लक्षण पैदा होते है। पर शंट लगाकर इस फ्लूइड को निकाला जा सकता है, जिस से व्यक्ति को लक्षणों से राहत मिल सकती है। डाउन सिन्ड्रोम और बैटन डीसीज का भी डिमेंशिया से संबंध है।

कुछ ऐसे भी रोग हैं जिन में लगता है कि इनका तो मस्तिष्क से कोई सम्बन्ध ही नहीं है, पर फिर भी इन रोगों से डिमेंशिया लक्षण पैदा हो सकते हैं। जैसे कि, कुछ रिसर्च में पाया गया है कि सीलिएक रोग (celiac disease) से भी डिमेंशिया लक्षण हो सकते हैं। एक अन्य उदाहरण है लाइम रोग (Lyme’s disease)।

क्योंकि डिमेंशिया के लक्षण कभी कभी ऐसे रोगों के कारण पैदा होते है जिनका इलाज संभव है, इसलिए उचित यह है कि यदि कोई डिमेंशिया के लक्षण महसूस कर रहा है तो सही जांच कराई जाए। डॉक्टर व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों के साथ अनेक जांच करेंगे और तय करेंगे कि लक्षण किस वजह से हो रहे हैं, और क्या उपचार संभव है। लक्षण के एक से अधिक कारक हो सकते हैं, और उपचार से कुछ राहत होने की संभावना है। नाउम्मीद होकर घर बैठे रहने से उस व्यक्ति को, और अन्य परिवार वालों को, नाहक परेशान होती रहेंगे जब कि डॉक्टर के पास रोग का इलाज है।

Reversible dementia पर अधिक विस्तृत चर्चा के लिए हमारे अँग्रेज़ी पृष्ठ को देखें (लिंक नीचे “इन्हें भी देखें सेक्शन में है)।

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डिमेंशिया के ठीक न हो सकने वाले कारण (irreversible causes)।

अधिकाँश डिमेंशिया लाइलाज हैं, यानि कि दवाई से रोग से हुई हानि ठीक नहीं करी जा सकती।अधिकांश रोग प्रगतिशील (progressive) भी होते हैं, और अपकर्षक (degenerative) भी, और समय के साथ मस्तिष्क अधिक नष्ट होता जाता है, और व्यक्ति अधिक लाचार होते जाते हैं।कुछ प्रकार के डिमेंशिया में व्यक्ति में गिरावट चरणों में होती है और व्यक्ति एक ही स्तर पर काफी दिनों तक रहते हैं, पर अधिकांश लोगों में गिरावट लगातार होती रहती है। अग्रिम/ अंतिम चरण में व्याकरी लगभग पूरी तरह दूसरों पर निर्भर होते हैं।

अल्ज़ाइमर (Alzheimer’s Disease) डिमेंशिया का सबसे आम कारण है, और अनुमान है कि यह 50 से 75 % केस का एक कारण है। यह अक्सर बड़ी उम्र में होता है, और इसके शुरुआती लक्षण अकसर याददाश्त की समस्याएं है। अन्य लक्षण भी पहस होते हैं, जैसे कि बोलने में समस्या, निर्णय लेने में समस्या, वगैरह। इसकी संभावना उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है। यह अभी लाइलाज है, और इस पर जोर-शोर से शोध चल रहा है। इसमें दिमाग की कोशिकाएं (cells) सिकुड जाती हैं या नष्ट हो जाती हैं, और “प्लाक” के जमा होने के कारण कोशिकाओं के बीच के जोड़ भी नष्ट हो जाते हैं। यदि हिंदी में इस पर जानकारी ढूढ़ रहे हैं तो ध्यान रखें कि Alzheimer एक जर्मनी के डॉक्टर का नाम था, और देवनागरी लिपि में इसे अनेक तरह से लिखा जाता है, और इससे गूगल खोज के रिजल्ट में फ़र्क पड़ सकता है। उदाहरण: अल्ज़ाइमर, अल्जाइमर, अल्ज़ाईमर, एल्ज़ाइमर्ज़, एलसायमर, एल्सायमर, एलसायमरस, एल्जायमर्स, इत्यादि।

डिमेंशिया का एक अन्य मुख्य कारण है संवहनी डिमेंशिया, खासकर भारत में (20 से 30 %)। इसमें मस्तिष्क की हानि स्ट्रोक, मिनी-स्ट्रोक (TIA), और अन्य नाड़ी-सम्बंधी समस्याओं की वजह से होती है। उक्त रक्तचाप (high blood pressure) और धमनियों का स्थूल होना अकसर इन सब नाड़ी-संबंधी डिमेंशिया का मूल कारण होते हैं। यानि कि, मस्तिष्क में रक्त ठीक से नहीं पहुंचता। लक्षण इस बात पर निर्भर हैं कि मस्तिष्क के किस भाग में रक्त की आपूर्ती में समस्या हुई थी।

अन्य डिमेंशिया के कारण हैं फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (fronto-temporal dementia) (करीब 5 से 10 % केस), लुई बॉडी डिमेंशिया (Lewy Body dementia) (5 % से कम केस) और पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease)। फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया कम उम्र में शुरू हो सकता है, और लक्षण में अकसर भाषा संबंधी समस्याएं, मूड में बदलाव, व्यक्तित्व में बदलाव, अनुचित व्यवहार (जैसे अश्लील व्यवहार), अनुचित निर्णय लेना, और दूसरों के प्रति अरुचि शामिल हैं। याददाश्त की समस्याएं शायद न हों।

यह भी हो सकता है कि डिमेंशिया से ग्रस्त व्यक्तियों में डिमेंशिया के लक्षण एक से अधिक रोगों के कारण पैदा होते हैं, जिसे मिक्स्ड डिमेंशिया (मिश्रित डिमेंशिया, mixed dementia) कहा जाता है। अकसर मिक्स्ड डिमेंशिया वाले व्यक्ति को अल्ज़ाइमर और संवहनी डिमेंशिया होता है, पर अन्य डिमेंशिया के प्रकारों के सम्मिश्रण भी संभव हैं।

अक्सर डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर शब्दों को पर्यायवाची शब्दों की तरह से इस्तेमाल करा जाता है, पर यह गलत है। अल्ज़ाइमर रोग डिमेंशिया के लक्षणों का सबसे आम कारण ज़रूर है (50 – 75%), पर हम अन्य कारणों को नज़रंदाज़ नहीं कर सकते–वे 25 – 50% केस में पाए जाते हैं, जो एक काफी बड़ा हिस्सा है।

इन चार प्रमुख प्रकार के डिमेंशिया पर हिंदी में अधिक जानकारी के लिए नीचे इन्हें भी देखें सेक्शन को देखें।

अगर हम यह जानें कि हमारे प्रियजन को कौन सा डिमेंशिया है, तो उस प्रकार के डिमेंशिया के बारे में पढ़ कर हम अंदाजा लगा सकते हैं कि रोग के कौन से लक्षण किस अवस्था में ज्यादा प्रमुख होंगे, और हम उसके अनुसार खुद को देखभाल के लिए तैयार कर सकते हैं।

उदाहरण के लिए, लक्षणों को ही लें।अल्ज़ाइमर के रोगिओं में जयादातर याददाश्त संबंधी समस्याएँ पहले नज़र आते हैं, पर फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया वाले लोगों में अकसर व्यवहार का बदलाव एक प्रमुख लक्षण होता है, और याददाश्त संबंधी समस्याएं कम नज़र आती हैं। रोग की प्रगति भी अलग अलग होती है। अल्ज़ाइमर में ज्यादातर प्रगति धीमी रहती है। पर संवहनी डिमेंशिया में, जिसमे मस्तिष्क की हानि नाड़ीयों की समस्याओं के कारण होती है, अगर यह समस्याएँ रोकी जा सकें तो रोगी का डिमेंशिया एक ही स्तर पर कई दिनों तक रह सकता है। फिर अगर व्यक्ति को यदि स्ट्रोक हो जाए तो डिमेंशिया के लक्षण रातों-रात बदतर हो सकते हैं। पर यह भी याद रखें कि निश्चित ढंग से नहीं कहा जा सकता कि किसी एक व्यक्ति में रोग किस गति से और कैसे बिगड़ेगा।

एक पहलू यह है कि रोग कोई भी हो, व्यक्ति के लक्षण उसी व्यापक लक्षणों के समूह से होते हैं जिन्हें डिमेंशिया कहते हैं। इसलिए परिवार वाले अपने प्रियजन की देखभाल के लिए टिप्स अनेक स्तोत्र से पा सकते हैं। अधिकांश जानकारी देखभाल की जानकारी अल्ज़ाइमर के नाम से मिलती है क्योंकि अधिकाँश रोगी अल्ज़ाइमर से ग्रस्त हैं, और विश्व-भर में शोध और चर्चा भी अल्ज़ाइमर पर ही केंद्रित है। राष्ट्रिय संस्थाएं सभी प्रकार के डिमेंशिया का समर्थन भी अल्ज़ाइमर की छत्री के अंतर्गत करती हैं। इन्टरनेट पर डिमेंशिया सम्बंधी जानकारी ढूंढते हुए यह बात याद रखने से जानकारी ढूँढने में आसानी होगी।

पर यह न समझें कि अल्ज़ाइमर के लिए दी गयी सभी सलाह दूसरे प्रकार के डिमेंशिया में ज्यूं-के-त्यूं काम आ सकती है। व्यक्ति में कौन से लक्षण अधिक पेश हो रहे हैं , और रोग किस तरह से बिगड रहा है, उसे न भूलें। भिन्न डिमेंशिया रोगों के लिए उपचार और सलाह भी अलग हो सकती है। अच्छा होगा कि ऐसे साधन भी ढूँढें जो डिमेंशिया पैदा करने वाले उस रोग से सम्बंधित है जिससे व्यक्ति ग्रस्त है, ताकि अधिक कारगर टिप्स मिलें।

एक अन्य ज़रूरी बात यह है कि इलाज करने वाले सभी डॉक्टर को मालूम रहना चाहिए कि डिमेंशिया किस रोग के कारण है, क्योंकि कुछ दवाइयाँ ऐसी हैं जो एक तरह के डिमेंशिया के लिए उपयुक्त हैं, पर दूसरे डिमेंशिया में नुकसान कर सकती हैं और रोगी की हालत और खराब हो सकती है। उदाहरण के लिए, लुई बॉडी डिमेंशिया में अल्ज़ाइमर में दी गयी कुछ दवाइयाँ नुकसान कर सकती हैं। नीचे दिए गए लिंक में इस पर अधिक जानकारी है। उचित सपोर्ट ग्रुप में भी इस प्रकार की जानकारी मिल सकती है।

कुछ प्रकार के रोगों में बाद में डिमेंशिया होने का खतरा रहता है, जैसे कि पार्किंसंस रोग वालों में कई लोगों को अग्रिम अवस्था में डिमेंशिया होने की संभावना रहती है।

नोट: जैसे जैसे डिमेंशिया पैदा करने वाले रोगों के बारे में जानकारी बढ़ती है, वैसे वैसे विशेषज्ञ उन रोगों के नाम और उनकी श्रेणियों को बदलते रहते हैं। ये साधारण लोगों को कंफ्यूस कर सकता है, और जानकारी खोजने में दिक्कत पैदा कर सकता है। इस पर कुछ अधिक टिपण्णी देखें हमारे अँग्रेज़ी पृष्ठ पर (लिंक नीचे “इन्हें भी देखें सेक्शन में है)।

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इन्हें भी देखें.

चार प्रमुख प्रकार के डिमेंशिया के मुख्य बिंदु यहाँ देखें और विस्तृत पोस्ट (चित्रों सहित) यहाँ देखें:

मुख्य रोगों के अंग्रेज़ी नाम, देवनागरी में:

इस पृष्ठ पर कई बीमारियों के अंग्रेज़ी नाम हैं। इनको देवनागरी में लिखते समय अलग अलग संगठन हिंदी और अंग्रेज़ी में अलग अलग तरह से पेश करते हैं। कुछ प्रचलित स्पेलिंग (वर्तनी) आपकी सुविधा के लिए, गूगल खोज में सहायता के लिए, पेश हैं।

  • Dementia: डिमेंशिया, मनोभ्रंश, डिमेन्शिया, डिमेंशिया डिमेंश्या, डिमेंटिया, डेमेंटिया।
  • Alzheimer’s Disease: अल्जाइमर, अल्ज़ाइमर, अलजाइमर, अलज़ाइमर, एलसायमरस, अलज़ाईमर, एल्ज़ाइमर्ज़।
  • Lewy Body dementia: लुई बाड़िज़, लुई बॉडी रोग, लुई बॉडी़ज़ वाला रोग,लुई बाड़ी रोग, लेवी बॉडीज़।
  • Vascular dementia: (इसके लिए और इस से संबंधित विकारों के लिए कुछ शब्द) वास्कुलर डिमेंशिया, वैस्क्यूलर डिमेंशिया, नाड़ी-संबंधी डिमेंशिया, संवहनी मनोभ्रंश, हृदवाहिनी रोग, रक्त-वाहिका रोग,स्ट्रोक, सबकोर्टिकल संवहनी डिमेंशिया, मल्टी-इनफार्ट, मिनी-स्ट्रोक्स, बहु-रोधगलितांश डिमेंशिया, बिंसवान्गर (सबकोर्टिकल वैस्क्यूलर डिमेंशिया), ट्रांसिऐंट इस्कीमिक अटैक्स, अस्थायी स्थानिक अरक्तता दौरे।
  • Fronto-temporal dementia: फ्रोंटो-टेम्पोरल डिमेंशिया, फ्रंटोटेम्पोरल लोबार डिजेनरेशन, पिक्स रोग, फ़्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया।
  • Mixed dementia:मिश्रित डिमेंशिया, मिक्स्ड डिमेंशिया।
  • Parkinson’s Disease: पार्किन्सन-रोग, पार्किंसंस रोग।

पृष्ठ पर इस (अँग्रेज़ी) रिपोर्ट का ज़िक्र है: डिमेंशिया इंडिया रिपोर्ट 2010 (The Dementia India Report 2010) (PDF फाइल ) (archived copy)Opens in new window

डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर में फ़र्क क्या है, इस पर एक छोटा हिंदी वीडियो देखें, जिसमे सरल तरीके से, रेखा चित्र का इस्तेमाल करके डिमेंशिया और अल्ज़ाइमर के बीच का सम्बन्ध समझाया गया है। यदि वीडियो प्लेयर नीचे लोड न हो रहा हो तो आप इस वीडियो को सीधे यूट्यूब पर भी देख सकते हैं Opens in new window

हिंदी पृष्ठ, इसी साईट से:

डिमेंशिया रोगों के बारे में और जानकारी: निदान, उपचार, बचाव।

इस विषय पर हिंदी सामग्री, कुछ अन्य साईट पर: यह याद रखें कि इन में से कई लेख अन्य देश में रहने वालों के लिए बनाए गए हैं, और इन में कई सेवाओं और सपोर्ट संबंधी बातें, कानूनी बातें, इत्यादि, भारत में लागू नहीं होंगी।

इस पृष्ठ का नवीनतम अँग्रेज़ी संस्करण यहाँ उपलब्ध है: Diseases that cause dementia Opens in new window। अंग्रेज़ी पृष्ठ पर आपको विषय पर अधिक सामयिक जानकारी मिल सकती है। कई उपयोगी अँग्रेज़ी लेखों, संस्थाओं और फ़ोरम इत्यादि के लिंक भी हो सकते हैं। कुछ खास उन्नत और प्रासंगिक विषयों पर विस्तृत चर्चा भी हो सकती है। अन्य विडियो, लेखों और ब्लॉग के लिंक, और उपयोगी पुस्तकों के नाम भी हो सकते हैं। इस पृष्ठ पर अनेक उपयोगी वेबसाइट के लिंक भी हैं, जो अलग अलग तरह के डिमेंशिया पर जानकारी देते हैं, और डिमेंशिया वाले व्यक्ति और उनके परिवारों को सपोर्ट भी करते हैं।

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डिमेंशिया केयर नोट्स (हिंदी )